जनता के विरुद्ध सरकार के आतंकवादी युद्ध की सच्चाई एक बार फिर बेपर्दा
सरकार इन बातों से लगातार इनकार करती रही है लेकिन अब सारी सच्चाई सामने आ चुकी है और उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इस सैन्य कार्रवाई का असली मकसद देशी और विदेशी कम्पनियों के साथ किये गये अनुबन्धों के दबाव में अयस्कों की खानों और अकूत प्राकृतिक संपदा से भरी ज़मीन को आदिवासियों से खाली करवाना है। नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में देशी और विदेशी कम्पनियों द्वारा लगभग 6.6 लाख करोड़ रुपये के निवेश के अनुबन्ध किये जा चुके हैं। अकेले उड़ीसा में 2.7 अरब डालर की कीमत का बॉक्साइट का भण्डार मौजूद है। छत्तीसगढ़ में रावघाट की पहाड़ियों में कुल 7.4 अरब टन सबसे उन्नत किस्म का लौह अयस्क मौजूद है। सारी कम्पनियाँ इस प्राकृतिक सम्पदा पर नज़र गड़ाये बैठी हैं। इसे ध्यान में रखें तो आसानी से समझ आ जाता है कि मनमोहन सिंह अचानक क्यों कहने लगे कि नक्सलवाद देश की आन्तरिक सुरक्षा को सबसे बड़ा ख़तरा है।


















