अल सल्वाडोर के क्रान्तिकारी कवि रोखे दाल्तोन (1935 – 1975) की कुछ कविताएँ
तुम तय कर सकते हो
नैतिक चरित्र एक राजनीतिक सत्ता,
एक राजनीतिक संस्थान
या एक राजनीतिक व्यक्ति का,
इस बात से कि ख़तरे की किस हद के लिए
रज़ामन्द होते हैं
वे प्रेक्षण पर,
नज़रों में
एक व्यंग्य कवि की।