केन्द्रीय बजट 2015-2016: जनता की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर थैलीशाहों की थैलियाँ भरने का पूरा इंतज़ाम
कॉरपोरेट घरानों पर करों में छूट की भरपाई करने के लिए आम जनता पर करों का बोझ लादने के अलावा भी सरकार ने कई ऐसे कड़े क़दम उठाये जिनकी गाज आम मेहनतकश आबादी पर गिरेगी। इस बजट में सरकार ने कुल योजना ख़र्च में 20 प्रतिशत यानी 1.14 करोड़ रुपये की कटौती की जो खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, परिवार कल्याण, आवास, स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से भी हाथ खींचने में मोदी सरकार की नवउदारवादी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील स्कीम, नेशनल हेल्थ मिशन जैसी स्कीमों के ज़रिये शासक वर्गों की जो थोड़ी-बहुत जूठन जनता तक पहुँचती है उसमें भी इस बजट में भारी कटौती की घोषणा की गई है।