गुड़गाँव में किशोर घरेलू कामगार के साथ क्रूरता का एक और मामला
ज़्यादातर मामलों में पीड़ित घरेलू कामगार देश के पिछड़े व ग़रीब इलाकों से आते हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा से तस्करी कर लायी गयी नाबालिग लड़कियाँ घरेलू कामगारों में बड़ी तादाद में पायी गयी हैं। बहुतेरे मामलों में अवैध प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा उन्हें रखा जाता है। उनके साथ अत्याचार व शोषण के मामले आये-दिन सामने आते रहते हैं। अन्याय और ऐसी हैवानियत होने पर किसी पुख़्ता सुरक्षा व सूचना तंत्र के अभाव के चलते नाबालिगों को उनके परिवारों से काट दिया जाता है। बोलने पर झूठे चोरी के इल्ज़ाम में फँसाने, बदनाम करने का डर दिखाने से लेकर जान से मारने का डर दिखाकर इन्हें चुप करा दिया जाता है। इसकी वजहों को समझने की ज़रूरत है। आम तौर पर, पुलिस भी इसमें इन उच्च मध्यवर्ग के इन तथाकथित शरीफ़ज़ादों का साथ देती है।