नहीं सहेंगे इस तानाशाही को अब हम मज़दूर साथियो
मैं उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जि़ले के एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूँ। मैं अभी मुम्बई में रहता हूँ, इससे पहले मैंने दिल्ली में दिहाड़ी मज़दूर के तौर पर थोड़े समय के लिए काम किया था। अभी मैं मुम्बई में एक चश्मे की दुकान पर काम करता हूँ। यहाँ पर मैं लगभग डेढ़ साल से काम कर रहा हूँ। दुकान पर काम करने का समय सुबह 10 बजे से रात के 10 बजे तक है ,यानी 12 घण्टे का है। जबकि इसके लिए मेरी पगार सिर्फ़ 7000 रुपये ही है।