आपस की बात : हमें एकजुटता बनानी होगी
मज़दूर बिगुल सम्पादक महोदय, नमस्ते!
मेरा नाम मनीषा है। मैं दिल्ली आँगनवाड़ी में सहायक के तौर पर काम करती हूँ। मेरा प्रोजेक्ट निहाल विहार, शिवराम पार्क, नांगलोई दिल्ली है। मैं पिछले वर्ष से जब से हमारी हड़ताल हुई थी तब से मज़दूर बिगुल अख़बार पढ़ रही हूँ। इसी अख़बार ने हमारी हड़ताल की रिपोर्टों को भी काफ़ी जगह दी थी। इसके लिए मैं अपनी आँगनवाड़ी की सभी बहनों और साथियों की तरफ़ से आपका धन्यवाद करती हूँ। हम सभी यह जानते हैं कि मज़दूर वर्ग बहुत सारी मुश्किलों का सामना करता है। दिन पर दिन हमारी दिक़्क़तें बढ़ती ही जाती हैं। आँगनवाड़ी में काम करते हुए हमें भी बहुत तरह की परेशानियों को झेलना पड़ता है। जैसे खाने की आपूर्ति करने वाली कम्पनियों की वजह से खाने में कीड़े तो छोड़िए छिपकली तक निकल जाती है लेकिन जब इस तरह के खाने की वजह से बच्चों की तबीयत खराब होती है तो उसका दण्ड हमें भुगतना पड़ता है। हमने अपने अनुभव से सीखा है कि हम संगठित होकर ही सरकार, एनजीओ और अफ़सरशाही के गठजोड़ का मुक़ाबला कर सकते हैं। मैं अख़बार के माध्यम से अपने मज़दूर भाइयों को कहना चाहूँगी कि हमें एकजुटता बनानी होगी, तभी हम इस व्यवस्था का मुक़ाबला कर सकते हैं जिसमें मज़दूरों के लिए मुश्किलें ही मुश्किलें हैं। मुझे आशा है मज़दूर बिगुल ऐसे ही देश के मज़दूरों की आवाज़ बना रहेगा।
धन्यवाद सहित,
मनीषा, दिल्ली
मज़दूर बिगुल, दिसम्बर 2018
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन