मैं जिस कम्पनी में काम करता हूँ उसमें केबल की रबर बनाने में पाउडर (मिट्टी) का इस्तेमाल होता है। मिट्टी इतनी सूखी और हल्की होती है कि हमेशा उड़ती रहती है। आँखों से उतना दिखाई तो नहीं देता किन्तु शाम को जब अपने शरीर की हालत देखते हैं तो पूरा शरीर और सिर मिट्टी से भरा होता है। ये मिट्टी नाक, मुँह के जरिये फ़ेफ़ड़ों तक जाती है। इस कारण मज़दूरों को हमेशा टी.वी., कैंसर, पथरी जैसी गम्भीर बीमारियाँ होने का खतरा बना रहता है। जो पाउडर केबल के रबर के ऊपर लगाया जाता है उससे तो हाथ फ़ट कर काला-काला हो जाता है। जलन एवँ खुजली होती रहती है। इन सबसे सुरक्षा के लिए सरकार ने जो नियम (दिखावटी) बना रखे हैं जैसे कि नाक, मुँह ढँकने के लिए कपड़े देना, हाथों के लिए दस्ताने, शाम को छुट्टी के समय गुड़ देना आदि। इनमें से किसी भी नियम का पालन मालिक या ठेकेदार नहीं करता है। वह सभी नियम-कानून को अपनी जेब में रख कर चलता है।