मज़दूरों की क़ब्रगाह बनता दिल्ली-सोनीपत हाइवे
सुबह के समय जब मज़दूरों को काम पर पहुँचने की जल्दी होती है क्योंकि फ़ैक्ट्री में 5 मिनट भी लेट पहुँचने पर आधा दिन की दिहाड़ी काट ली जाती है। तो उन्हें तेज़ रफ़्तार से गुज़रने वाले गाड़ियों के रेले को गुज़रने का इन्तज़ार करना पड़ता है। ज्यों ही सड़क थोड़ी ख़ाली दिखती है वैसे ही मज़दूर लपककर सड़क पार करने लगते हैं। फिर उन्हें पतले से डिवाइडर पर खड़े होकर उस पार गाड़ियों के रेले को गुज़र जाने का इन्तज़ार करना पड़ता है। समय पर पहुँचने की जल्दी में आये दिन मज़दूर तेज़ रफ़्तार से आती गाड़ियों के नीचे कुचले जाते हैं। बुजुर्ग मज़दूर महिलाएँ इस तरह की दुर्घटनाओं का अधिक शिकार होती हैं।