हालात को बदलने के लिए आगे आना होगा
मैं लुधियाना में प्लाट नं. 97, शिवा डाईंग, फेस-4, फोकल प्वांईट, में काम करता हूँ। जिसमें लगभग 60 मजदूर काम करते हैं, कोई माल ढुलाई, कोई माल सुखाई, कोई ब्यालर तो कोई कपड़ा रंगाई में काम करता है। मैं कपड़ा रंगाई में काम करता हूँ। मेरे साथ 10 मजदूर काम करते हैं, हमारी मशीनों पर गर्मी बहुत ज्यादा होती है। मशीनों के अन्दर 135 डिग्री गर्म रंग वाला पानी भरा होता है। इन जानलेवा हालातों में हम 12-12 घंटे काम करते हैं। यहाँ पर हम लोगों को कोई भी सुरक्षा उपकरण नहीं दिये जाते, ना तो कैमिकल से बचने के लिए जूते दिये जाते हैं और ना ही हाथों में पहनने के लिए दस्ताने दिये जाते हैं। इस काम में कोई भी नया मजदूर जल्दी भर्ती नहीं होता क्योंकि यहाँ पर गर्मी सबसे ज्यादा होती है। ब्यालर पर काम करना सबसे ज्यादा कठिन है, क्योंकि यहाँ तो 12 घंटे आग के सामने खड़े होकर काम करना होता है। हम सभी मजदूरों को बेहद कम वेतन पर 12-12 घंटे काम करना पड़ता है और इस कारखाने में पक्की भर्ती नहीं होती, बहुत ही कम मजदूरों को पक्का भर्ती किया हुआ है।