ज्योतिराव फुले – स्त्री मुक्ति के पक्षधर व जाति उन्मूलन आन्दोलन के योद्धा
आज जब संघी फासीवादी जातिप्रथा व पितृसत्ता के आधार पर व साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण से दलितों, स्त्रियों व अल्पसंख्यकों पर हमले तीव्र कर रहे हैं, खाने-पीने-जीवनसाथी चुनने व प्रेम के अधिकार को भी छीनने की कोशिश कर रहे हैं, तब फुले को याद करने का विशेष औचित्य है। ब्राह्मणवाद व पूँजीवाद विरोधी संघर्ष तेज़ करके ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है व उनके सपनों का समाज बनाया जा सकता है।