कार्ल लीब्कनेख़्त और रोज़ा लग्ज़म्बर्ग : जीवन के अन्तिम घण्टे
हत्यारे काम में लगे हैं, उनके दुश्मन अब उनके क़ब्ज़े में हैं। उनकी नज़र में लीब्कनेख़्त है एक यहूदी, लीब्कनेख़्त, स्पार्टकस लीग वाला, लीब्कनेख़्त, आन्दोलनकर्ता और विद्रोही, वह शख्स जिसका कोई देश नहीं, वह शख्स जो सबकुछ बराबर कर देना चाहता है, वह व्यक्ति जो औरतों का राष्ट्रीकरण कर देना चाहता है, वह व्यक्ति जो पैसों को ख़त्म कर देना चाहता है। वहीं लीब्कनेख़्त अब उनके कब्ज़े में है।





















