मज़दूर वर्ग की मुक्ति का दर्शन देने वाले महान क्रान्तिकारी चिन्तक कार्ल मार्क्स के स्मृति दिवस (14 मार्च) के अवसर पर
बुर्जुआ वर्ग ने ऐसे हथियारों को ही नहीं गढ़ा है जो उसका अन्त कर देंगे, बल्कि उसने ऐसे लोगों को भी पैदा किया है जो इन हथियारों का इस्तेमाल करेंगे – आधुनिक मज़दूर वर्ग – सर्वहारा वर्ग।