लोकतन्त्र की लूट में जनता के पैसे से अफसरों की ऐयाशी
जनता को बुनियादी सुविधाएँ मुहैया कराने का सवाल उठता है तो केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें तक धन की कमी का विधवा विलाप शुरू कर देती हैं, लेकिन जनता से उगाहे गये टैक्स के दम पर पलने वाले नेता और नौकरशाही अपनी हरामखोरी और ऐयाशी में कोई कमी नहीं आने देते। इसी का एक ताजातरीन नमूना है पंजाब सरकार द्वारा 2006 में कृषि विविधता के लिए शुरू की गयी परियोजना।