हबीब जालिब के जन्मदिवस (24 मार्च) पर उनकी दो नज़्में
हबीब जालिब पाकिस्तान के इन्क़लाबी शायर थे जिन्होंने मेहनतकश अवाम की मुक्ति के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। अपनी धारदार शायरी के ज़रिये उन्होंने पाकिस्तान के तीन फ़ौजी तानाशाहों – जनरल अयूब, याहया और िज़या – की हुकूमतों की जमकर मुख़ालफ़त की और इसके लिए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। इन्क़लाबी शायर के साथ ही साथ वे एक सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे। वे पाकिस्तान की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे और आजीवन मज़दूर वर्ग की मुक्ति की विचारधारा मार्क्सवाद की पैरोकारी करते रहे। हबीब जालिब की नज़्में पाकिस्तान ही नहीं बल्कि समूचे दक्षिण एशिया में मशहूर हैं।