चेलो परिवार की कहानी – मेक्सिको के एक परिवार की कहानी जो हर गरीब देश की सच्चाई है
डेविड वर्नर एक डाक्टर थे जिन्होंने अपने ज्ञान को बेचकर सम्पत्ति खड़ी करने के बजाय उन लोगों की सेवा में लगाया जिन्हें उसकी सबसे अधिक जरूरत थी। करीब बीस वर्ष पहले उन्होंने मेक्सिको के एक पिछड़े इलाके के गाँवों में लोगों के स्वास्थ्य–सुधार के लिए काम करना शुरू किया था। उन्होंने गाँवों में स्वास्थ्य केन्द्र खोले जिन्हें सामाजिक कार्यकर्त्ता संचालित करते थे। शुरू में वे लोगों की बीमारियों और उनके खराब स्वास्थ्य का कारण गंदगी, प्रदूषण, पौष्टिक भोजन की कमी आदि में खोजते थे। लेकिन लोगों के बीच में रहते–रहते धीरे–धीरे उन्होंने देखा कि इसके कारण सिर्फ तात्कालिक नहीं हैं बल्कि उस सामाजिक–आर्थिक व्यवस्था में निहित हैं जो जनता की गरीबी, बदहाली, अज्ञान और जीवन की बेहद कठिन परिस्थितियों के लिए उत्तरदायी है। उनकी लिखी पुस्तकें-‘जहाँ डाक्टर न हो’, ‘स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं से’ आदि तमाम गरीब मुल्कों में काम कर रहे सामाजिक–राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं के लिए बहुत उपयोगी हैं। यहाँ हम उनके अनुभवों का एक अंश प्रकाशित कर रहे हैं। यदि नाम बदल दिये जायें तो यह भारत के गाँवों के किसी भी गरीब परिवार की कहानी से अलग नहीं होगी। -संपादक