वो कहते हैं
भारत, सूरज पार्क (बादली इण्डस्ट्रियल एरिया)
1. वो कहते हैं
तुम घर से बाहर निकलते हो
तो गंदे लगते हो
पर वो यह नहीं जानते
कि इन्हीं गंदे लोगों ने
पूरी दुनिया में सफाई कायम की है,
पर वो कहते हैं
तुम कुछ नहीं जानते।
2. वो कहते हैं
तुम्हारे बच्चे स्कूल नहीं जाते
क्योंकि तुम अपने बच्चों से भीख मँगवाते हो
नहीं जानते हैं वो
हमारे बच्चों का स्कूल न जाने का कारण
और – न ही जानते हैं उनके भीख माँगने की वजह
पर वो कहते हैं
तुम कुछ नहीं जानते।
3. वो कहते हैं
तुम अपनी सारी कमाई दारू में उड़ाते हो
और फिर दर.बदर की ठोकरें खाते हो
पर वो यह नहीं जानते
हमारे दारू पीने की वजह क्या है
सिर्फ़ शौक या फि़र कुछ और
पर वो कहते हैं
तुम कुछ नहीं जानते
4. वो कहते हैं
राम, कृष्ण, अल्लाह, मसीह की पूजा करो
– अपने धर्म की सेवा करो
तो तुम्हारी जिन्दगी बदलेगी
और नहीं बदली
तो यह तुम्हारे पिछले जन्म के कर्मों का फ़ल है
शायद वो यह नहीं जानते
राम, कृष्ण, अल्लाह, मसीह की पूजा कर.कर के ही
हमारा ये हाल है
पर वो कहते हैं
तुम कुछ नहीं जानते
5. वो कहते हैं
तुम ऐसे ही रहना चाहते हो
इसलिए बदलते नहीं
पर वो यह नहीं जानते
हम चाहे तो पूरी दुनिया बदलकर
सब अपनी मुट्ठी में कर सकते हैं
फि़र वो कहते हैं
तुम कुछ नहीं जानते
6. वो कहते हैं
तुम समाज नहीं बदल सकते
क्योंकि… तुममे दम नहीं
पर वो यह नहीं जानते
सुई से लेकर हवाई जहाज बनाने वाले हम,
दुनिया बनाने वाले हम
चाहे तो सबकुछ कर सकते हैं
पर वो कहते हैं
तुम कुछ नहीं जानते।
मज़दूर बिगुल, अक्टूबर 2014
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