लुधियाना में 42 पावरलूम कारख़ानों के सैकड़ों मज़दूर अपनी मांगों को लेकर कारख़ाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्व में 24 अगस्त से हड़ताल पर हैं। पीसरेट पर काम करने वाले इन मज़दूरों की मज़दूरी 10-12 वर्ष से नहीं बढ़ी है जबकि इस बीच कारख़ाना मालिकों के मुनाफ़े और महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। इन कारख़ानों में को
ई भी श्रम क़ानून लागू नहीं होते। आये दिन कारख़ानों में होने वाली दुर्घटनाओं में मज़दूर घायल होते और मरते रहते हैं लेकिन सुरक्षा के बुनियादी इंतज़ाम भी नहीं किये जाते। श्रम विभाग मालिकों की जेब में है। मज़दूर श्रम
विभाग के दफ़्तर के सामने लगातार धरना-प्रदर्शन करते रहे हैं लेकिन उसके अधिकारी मालिकों को बचाने और मज़दूरों को बहलाने तथा धमकाने में लगे हुए हैं। सैकड़ों मज़दूर शक्तिनगर के कारख़ानों वाले इलाके में लगातार दिन-रात धरने पर डटे हुए हैं। अब शक्तिनगर के मज़दूर लुधियाना के अन्य पावरलूम वाले इलाकों में काम करने वाले मज़दूरों से भी इस आन्दोलन में शामिल होने का आह्वान कर रहे हैं जोकि उन्हीं जैसे हालात में काम करते हैं। बुनियादी अधिकारों से वंचित लुधियाना के लाखों दूसरे मज़दूरों से भी ये मज़दूर अपना साथ देने की अपील कर
रहे हैं। लुधियाना के मज़दूरों के नाम शक्तिनगर के पावरलूम मज़दूरों का पर्चा यहां प्रस्तुत है। पर्चा पीडीएफ़ प्रारूप में है। पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें –
नारे लगाते हुए पावरलूम मजदूर |
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन
very good workers……it is jst starting…..nothing can be achieved without struggle…..