“विश्वगुरु” मोदी जी की रैलियों में नहीं शामिल हो रहे लोग!
काम से निकालने की धमकियों और सरकारी आदेश जारी कर शामिल किया गया आँगनवाड़ीकर्मियों व अन्य महकमों के कर्मचारियों को मोदी द्वारा किये जा रहे उद्घाटन समारोह में

दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स ऐण्ड हेल्पर्स यूनियन

17 अगस्त यानी बीते रविवार के दिन प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में दो बड़े हाईवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। ये प्रोजेक्ट हैं द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली वाला हिस्सा और अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-II)। उद्घाटन के इस मौक़े को अवसर में बदलते हुए मोदी जी ने न सिर्फ़ भाषण दिया बल्कि रोड शो भी निकाला। लेकिन मज़ेदार बात यह है कि जिस जनता के सामने मोदी जी ने इस उद्घाटन समारोह के कसीदे पढ़े, वह बिना पैसे दिये जुटायी गयी भीड़ थी।

जी हाँ! इस कार्यक्रम में दिल्ली की आँगनवाड़ीकर्मियों को, एमसीडी के सफ़ाई कर्मचारियों और सरकारी स्कूल के शिक्षकों को उनके सम्बन्धित विभागों द्वारा शामिल होने के निर्देश दिये गये थे।

अव्वलन तो सरकार द्वारा ऐसे उद्घाटन समारोहों का औचित्य ही समझ से परे है। ऊपर से कर्मचारियों को छुट्टी के दिन जबरन धमकी दे कर इन कार्यक्रमों में शामिल करवाने की ज़रूरत इन्हें क्यों पड़ रही है, यह ज़ाहिर है। भाजपा सरकार का देश में 11 साल का कार्यकाल और दिल्ली में छः महीने ही मेहनतकश जनता के लिए नर्क साबित हुए है। शिक्षा, रोज़गार, आवास, स्वास्थ्य जैसी ज़रूरतों को पूरा करने के बजाय इस सरकार ने जनविरोधी-नीतियों को लागू किया है और लोगों को नक़ली मुद्दों में उलझाये रखा है। गोदी मीडिया के चहेते “वर्ल्ड लीडर” की यह कैसी लोकप्रियता है कि इन्हें अपने कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी मुलाज़िमों को धमकी देने की ज़रूरत पड़ रही है!

जिन आँगनवाड़ीकर्मियों को उद्घाटन समारोह में शामिल होने के निर्देश दिये गये थे, वे वैसे तो सरकार की नज़रों में “स्वयंसेविकाएँ” हैं। लेकिन ये “स्वयं सेविकाएँ” विभाग द्वारा सौंपी ज़िम्मेदारियों से इतर थोपे गये इन कामों के लिए इन्क़ार भी नहीं कर सकती हैं! महिलाकर्मियों की जो जायज़ माँगें हैं, उनपर भाजपा ने पिछले 11 सालों में कोई क़दम नहीं उठाया। इन 11 सालों में केयर वर्कर्स के मानदेय में केन्द्र सरकार ने कोई बढ़ोत्तरी लागू नहीं की बल्कि केन्द्र सरकार ने महिलाकर्मियों की ज़िम्मेदारी का दायरा बढ़ाने का ही काम किया है। भाजपा समेत तमाम पार्टियाँ आँगनवाड़ीकर्मियों को अपने कार्यक्रमों में भीड़ बढ़ाने के औजार के रूप में इस्तेमाल करती हैं और साथ ही उन्हें “स्वयं सेविका” कहकर उनसे बेगारी करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ती।

मोदी जी ने अपने भाषण में दिल्ली के जिस विकास की बात की थी, उसमें दिल्ली के लोगों का विकास शामिल नहीं है। बाक़ी प्रधानमन्त्री द्वारा हाईवे और सड़कें महज़ उद्घाटन कार्यक्रम के आयोजन हेतु हैं, इसके उपरान्त अगर साल भर में ही उसमें गड्ढे बन आएँ तो जनता को आँखें मूँद लेनी चाहिए। परसाई जी ने ठीक ही कहा था “महाराज, पुल पार उतरने के लिए नहीं बल्कि उद्घाटन के लिए बनाए जाते हैं।”

 

मज़दूर बिगुल, अगस्त 2025

 

 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
     

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन