‘बसनेगा’ नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी – तेज़ी से बढ़ रही है बेरोज़गारी

‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ अभियान, बसनेगा द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता में 20 फ़रवरी को ‘बसनेगा’ की नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट का प्रो. अनिल सदगोपाल, प्रो. अरुण कुमार और प्रो. सतीश देशपाण्डे द्वारा लोकार्पण किया गया। मीडिया के सामने बेरोज़गारी के असल हालात को रखा गया। बसनेगा अभियान की संयोजक शिवानी ने रोज़गार गारण्टी क़ानून व अन्य माँगों को लेकर देश-भर में चलाये जाने वाले अभियान के बारे में विस्तार से बताया। बसनेगा की इस नमूना सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक़ बेरोज़गारी तेज़ी से बढ़ रही है। ज्ञात हो कि पिछले लगभग एक साल से रोज़गार गारण्टी व अन्य माँगों को लेकर ‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ अभियान, बसनेगा नौजवान भारत सभा, बिगुल मज़दूर दस्ता, दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के संयुक्त नेतृत्व में चलाया जा रहा है। ‘बसनेगा’ द्वारा यह सर्वेक्षण दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और बिहार की मज़दूर बस्तियों और कॉलोनियों में किया गया है। प्रसिद्ध शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता प्रो. अनिल सदगोपाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि बसनेगा के तहत उठायी जा रही राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून की माँग आज देश के नौजवानों की सबसे ज़रूरी माँग है। प्रो. सतीश देशपाण्डे, समाजशास्त्र विभाग, दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स, प्रो. अरुण कुमार, अर्थशास्त्री और वर्तमान में इण्डियन इंस्टीटयूट ऑफ़ साइन्स में मैलकोम अधिशेषिया चेयर प्रोफे़सर ने बसनेगा द्वारा किये गये सर्वे को बेहद सराहनीय बताया। इससे पहले भी आये कई सर्वे से साबित हुआ कि देश में पिछले कुछ सालों में बेरोज़गारी बढ़ी है। अनिल सदगोपाल ने कहा कि देश के युवाओं को शिक्षा और रोज़गार जैसे ज़रूरी मुद्दों पर सरकारों को अवश्य घेरना चाहिए।

मज़दूर बिगुल, मार्च 2019

 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
     

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन