“माननीयों” के मुक़दमे साल-दर-साल लम्बित क्यों?
अभी हाल ही में विधायकों के लम्बित मामलों पर कुछ ख़बरें आयीं। सीबीआई ने विभिन्न लम्बित मामलों और जाँचों के तहत 19 अगस्त को एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। जिसमें ख़ास बातें इस प्रकार हैं :
अभी हाल ही में विधायकों के लम्बित मामलों पर कुछ ख़बरें आयीं। सीबीआई ने विभिन्न लम्बित मामलों और जाँचों के तहत 19 अगस्त को एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। जिसमें ख़ास बातें इस प्रकार हैं :
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नर्सिंग स्टाफ़ के लोग लम्बे समय से अपनी माँगों को अनसुना किये जाने से नाराज़ थे और बार-बार की उपेक्षा से तंग आकर बीते 14 दिसम्बर को एम्स में कार्यरत 5000 नर्सिंग स्टॉफ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी थी। उनकी मुख्य मांगें थीं छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करना और कॉन्ट्रैक्ट आधारित भर्ती ख़त्म करना। एम्स के कर्मचारियों का कहना है कि सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियाँ घोर मज़दूर विरोधी हैं।
विकास के लम्बे-चौड़े दावों और ‘बेटी बचाओ’ जैसे सरकारी नुमायशी अभियानों के बावजूद एक नंगी सच्चाई यह है कि भारत में जन्म लेने वाले अधिकतर बच्चे और उन्हें जन्म देने वाली गर्भवती माँएँ कुपोषित होती हैं। यहाँ तक कि उनकी स्थिति कांगो, सोमालिया और जिम्बाब्वे जैसे ग़रीब अफ्रीकी देशों के बच्चों और गर्भवती स्त्रियों से भी बदतर है।