स्तालिन / सर्वहारा वर्ग तथा सर्वहारा की पार्टी
क्या एक पार्टी सदस्य के लिए पार्टी का कार्यक्रम, कार्यनीति तथा संगठनात्मक विचारों को केवल स्वीकार करना ही पर्याप्त है? क्या ऐसा व्यक्ति सर्वहारा की सेना का एक सच्चा नेता माना जा सकता है? अवश्य ही नहीं। प्रथम तो हर व्यक्ति यह जानता है कि दुनिया में ऐसे अनेकों बकवास करने वाले लोग हैं जो तुरन्त पार्टी के कार्यक्रम, कार्यनीति तथा संगठनात्मक विचारों को “स्वीकार” कर लेंगे, जब कि वे बकवास करने के अतिरिक्त और कुछ करने के योग्य नहीं हैं। ऐसे बकवासी व्यक्ति को पार्टी के सदस्य (यानी कि सर्वहारा की सेना का नेता) कहना तो पार्टी की पूरी गरिमा को नष्ट कर देना होगा। और फिर, हमारी पार्टी कोई दर्शन बघारने की जगह या धार्मिक पंथ तो है नहीं। क्या हमारी पार्टी एक युद्धरत जुझारू पार्टी नहीं है? चूँकि है, अतः क्या यह स्वतः-स्पष्ट नहीं है कि वह सिर्फ अपने कार्यक्रम, कार्यनीति तथा संगठनात्मक सिद्धान्तों की मौखिक स्वीकृति से ही सन्तुष्ट न होगी, कि वह वह बेशक यह माँग करेगी कि उसके सदस्य स्वीकार किये गये सिद्धान्तों को कार्यान्वित करें। अतः, जो भी कोई हमारी पार्टी का सदस्य बनना चाहता है वह केवल हमारी पार्टी के कार्यक्रम, कार्यनीति तथा संगठनात्मक विचारों को स्वीकार कर संतुष्ट नहीं बैठ सकता, वरन उसे इन विचारों को क्रियान्वित करना चाहिए, उन्हें अमल में लाना चाहिए।