Category Archives: ठेका प्रथा

हरियाणा के नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषदों के कर्मचारी हड़ताल पर

ज्ञात हो कि केन्द्र की तरह राज्य स्तर पर भी भजपा ने जनता से लोकलुभावन वायदे किये थे। सरकार बनने के चार साल बाद चुनावी घोषणापत्र गपबाजियों से भरे हुए पुलिन्दे प्रतीत हो रहे हैं। अब जबकि हरियाणा में सरकार को बने हुए 4 साल होने को हैं, तो आम जनता का सरकार की नीतियों और कारगुजारियों पर सवाल खड़े करना लाज़िमी है। भाजपा ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, वेतन बढ़ाने, सुविधाएँ देने, हर साल लाखों नये रोज़गार सृजित करने जैसे सैकड़ों वायदे कर्मचारियों से किये थे। किन्तु अब भाजपा के नेता कान में रुई-तेल डालकर सो रहे हैं। किये गये वायदे पूरे करना तो दूर कर्मचारियों के आर्थिक हालात और भी खस्ता करने पर भाजपा सरकार कटिबद्ध दिखायी दे रही है। हर विभाग को धीरे-धीरे ठेकेदारों के हाथों में सौंपा जा रहा है। हरियाणा लोक सेवा चयन आयोग से लेकर तमाम विभागों में घपलों-घोटालों का बोलबाला है। हर जगह की तरह हरियाणा में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के तहत आने वाले सफ़ाई कर्मचारियों के हालात सबसे खस्ता हैं।

उत्तर प्रदेश में शिक्षा और रोज़गार की बदहाली के विरुद्ध तीन जनसंगठनों का राज्यव्यापी अभियान

प्रदेश में सरकारें आती-जाती रही हैं लेकिन आबादी के अनुपात में रोज़गार के अवसर बढ़ने के बजाय कम होते जा रहे हैं। सरकारी नौकरियाँ नाममात्र के लिए निकल रही हैं, नियमित पदों पर ठेके से काम कराये जा रहे हैं और ख़ाली होने वाले पदों को भरा नहीं जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बन्द करने या निजी हाथों में बेचने का सिलसिला जारी है। भारी दबाव में जो भर्तियाँ घोषित भी होती हैं, उन्हें तरह-तरह से वर्षों तक लटकाये रखा जाता है, भर्ती परीक्षाएँ होने के बाद भी पास होने वाले उम्मीदवारों को नियुक्तियाँ नहीं दी जातीं! करोड़ों युवाओं के जीवन का सबसे अच्छा समय भर्तियों के आवेदन करने, कोचिंग व तैयारी करने, परीक्षाएँ और साक्षात्कार देने में चौपट हो जाता है, इनके आर्थिक बोझ से परिवार की कमर टूट जाती है।