हेडगेवार अस्पताल के ठेका सफ़ाई कर्मचारियों के संघर्ष के आगे झुके अस्पताल प्रशासन और दिल्ली सरकार
दिल्ली स्टेट गवर्मेण्ट हॉस्पिटल कॉण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने दिल्ली भर के सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों से ठेका प्रथा ख़त्म करवाने के लिए शुरू किया अभियान

बिगुल संवाददाता

hedgewar hospital 1पूर्वी दिल्ली स्थित डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में 1 मई से जारी ठेका सफ़ाई कर्मचारियों की हड़ताल सातवें दिन 7 मई गुरुवार को कर्मचारियों की माँगें माने जाने के साथ समाप्त हो गयी। मालूम हो कि दिल्ली सरकार के हेडगेवार अस्पताल के सभी ठेका सफ़ाई कर्मचारियों को 1 मई को बिना किसी नोटिस के काम से निकाल दिया गया था। जबकि केजरीवाल सरकार ने यह अन्तरिम आदेश जारी किया था कि किसी भी ठेकाकर्मी को काम से निकाला नहीं जायेगा। पर अस्पताल और ठेकेदार ने इस आदेश को ताक पर रखकर सभी ठेका कर्मचारियों को काम से निकाल दिया। उसी दिन से ये सभी कर्मचारी ‘दिल्ली स्टेट गवर्मेण्ट हॉस्पिटल कॉण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन’ (डीएसजीएचकेयू) के बैनर तले नौकरी बहाली व अन्य माँगों को लेकर अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गये थे। आखि़रकार दिल्ली सरकार और हेडगेवार अस्पताल प्रशासन को इन ठेका सफ़ाई कर्मचारियों की एकजुटता के आगे झुकना पड़ा। 7 मई को नौकरी बहाली का आदेश लेकर दिल्ली सरकार के दो अधिकारी आये और अस्पताल के चिकित्सक अधिकारी से बातचीत के बाद इन कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त करने का फ़ैसला किया।

hedgewar hospital 2ज्ञात हो कि इन सफ़ाई कर्मचारियों ने 3 मई को दिल्ली सरकार के श्रम-मन्त्री गोपाल राय का उनके विधानसभा कार्यालय पर घेराव भी किया था। इसके बाद गोपाल राय ने इन कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को 4 मई को दिल्ली सचिवालय बुलाया था। हालाँकि गोपाल राय ने डीएसजीएचकेयू की संयोजक शिवानी के दिल्ली सचिवालय में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। कर्मचारियों को गोपाल राय ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया और बैठक बेनतीजा ही रही। इस दौरान अस्पताल में ठेकेदार और एमएस ने इस हड़ताल को तोड़ने की कई कोशिशें कीं जो असफल ही रहीं। फिर 7 मई को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मन्त्री सतेन्द्र जैन से इन कर्मचारियों की बैठक हुई जिसमें उन्होंने इन लोगों की नौकरी बहाली की माँग को मान लिया। डीएसजीएचकेयू की संयोजक शिवानी ने बताया कि हमारी मुख्य माँग तो यही है कि दिल्ली सरकार दिल्ली में नियमित प्रकृति के कार्य में ठेका प्रथा समाप्त करने के अपने वायदे को पूरा करे। उन्होंने कहा कि मज़दूरों की एकजुटता के चलते हमें आंशिक जीत तो मिली है पर हमारा संघर्ष अभी ख़त्म नहीं हुआ है; हमारी यूनियन ठेका प्रथा समाप्त करने की माँग को लेकर दिल्ली सरकार के अन्य अस्पताल के ठेका कर्मियों को गोलबन्द करेगी। दिल्ली स्टेट गवर्मेण्ट हॉस्पिटल कॉण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने इस जीत के बाद अब दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में ठेका प्रथा ख़त्म करवाने की माँग को लेकर सभी कर्मचारियों को एकजुट करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। एलएनजेपी अस्पताल, जीबी पन्त अस्पताल, मदन मोहन मालवीय और बाबू जगजीवन राम अस्पताल के कर्मचारी यूनियन में शामिल हैं और अब इस अभियान के ज़रिये दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों को नियमित प्रकृति के काम से ठेका प्रथा ख़त्म करवाने की इस मुहिम से जोड़ने की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।

मज़दूर बिगुल, मई 2015

 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
     

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन