काम की माँग व बेरोजगारी भत्ते की माँग को लेकर मनरेगा यूनियन का प्रदर्शन
मनरेगा बजट में की गयी कटौती पर मजदूरों ने रोष जताया

बिगुल संवाददाता

7 फरवरी (कैथल)। क्रान्तिकारी मनरेगा मज़दूर यूनियन द्वारा मनरेगा सप्ताह के अवसर पर आम बजट में कटौती व काम की माँग को लेकर कलायत बीडीपीओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में गाँव चौशाला, सिमला, रामगढ़, पिंजुपुरा के मज़दूर शामिल रहे।

यूनियन के साथी अजय ने बताया कि 1 फरवरी को केन्द्रीय वित्त मन्त्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया। इस बजट ने एक फिर मोदी सरकार के मज़दूर विरोधी चेहरे का उजागर कर दिया। कुल मिलाकर इस बजट में जहाँ अमीरों के लिए राहत है वहीं ग़रीबों के लिए आफ़त है। इस बार वित्त वर्ष 2025-26 में मनरेगा बजट के लिए आवण्टन 86,000 करोड़ किया गया है। अगर हम महँगाई दर से इसकी तुलना करें तो इस वर्ष मनरेगा बजट में  4,000 करोड़ की कटौती की गई है। वहीं ये मनरेगा बजट कुल बजट का मात्र 0.24% रह गया है। इस बजट कटौती  का सीधा अर्थ है मज़दूरों के कार्यदिवस की कटौती। मौजूदा बजट से सिर्फ़ मज़दूरों को 40 दिन ही रोजगार मिलेगा, कायदे से अगर सरकार को 100 दिन रोजगार देने का वादा पूरा करना है तो उसको 2.90 लाख करोड़ के बजट का प्रावधान करना चाहिए।

चौशाला की मेट मीना ने बताया कि मनरेगा कानून के तहत 100 दिन के रोजगार की गारण्टी दी गई है लेकिन कलायत ब्लॉक के मज़दूर परिवारों को मुश्किल से 30-40 दिन ही काम मिल पाता है। मनरेगा कानून के तहत काम के आवदेन के 15 दिनों के भीतर अगर काम नहीं मिलता है, तो आवदेक मज़दूरों को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है। परन्तु कलायत कार्यालय का साफ कहना है बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जाएगा। ये साफ तौर पर रोजगार गारण्टी के तहत काम ना देना व बेरोजगारी भत्ता ना देना मज़दूरों के अधिकारों का उल्लंघन है। आज हर जगह श्रम क़ानूनों की धजियाँ उड़ाते हुए मज़दूरों से हाड़-तोड़ मेहनत करवाई जा रही है। लम्बे चौड़े दावे करने वाली मोदी सरकार मनरेगा मज़दूरों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दे पा रही।

अन्य गाँव के मज़दूरों ने बताया की यूँ तो सरकार मनरेगा में 100 दिन के काम की गारण्टी देती है लेकिन वह अपनी ज़ुबान पर कहीं भी खरी नहीं उतरती। मनरेगा में पहले से ही बजट की कमी के साथ धाँधली होने का आरोप लगता रहता है। अब गाँव में मज़दूरों की संख्या बढ़ने से मनरेगा पर भार बढ़ना लाज़िमी था। ऐसे में सरकार को कायदे से मनरेगा के बजट, कार्यदिवस व दिहाड़ी में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए थी। लेकिन मोदी सरकार ने उल्टा मनरेगा बजट में कटौती कर मज़दूरों के हालातों को और बदतर बनाने योजना बना रखी है।

वहीं मनरेगा यूनियन हरियाणा में मारुति-सुज़ुकी के संघर्षरत मज़दूरों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करती है। ज्ञात हो कि  मानेसर में मारुति-सुज़ुकी के अस्थायी मज़दूर अपने बेहद वाजिब और जायज़ माँगों को लेकर संघर्षरत है लेकिन हरियाणा पुलिस-प्रशासन मज़दूर आन्दोलन का दमन कर रहा है। हम संघर्षरत मारुति-सुज़ुकी मज़दूरों का समर्थन करते है और राजकीय दमन की निन्दा करते है।

मनरेगा मज़दूरों के बाबत क्रान्तिकारी मनरेगा मज़दूर यूनियन, प्रदर्शन के माध्यम से केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के समक्ष अपनी निम्नलिखित माँगें रख रही है।

1- जिन गाँव / मेटों को लम्बे समय से काम नहीं मिला है उनका मस्टररोल निकाला जाए व मनरेगा का काम सुचारू रूप से चालू करवाया जाये।

2- मनरेगा के बजट में बढ़ोत्तरी की जाये व मनरेगा मज़दूरों की दिहाड़ी 1160 रुपये की जाये।

3- सभी गाँव के मेटों के लम्बित बकाये का भुगतान किया जाए।

4- 15 दिन के अन्दर काम मुहैया ना करवाने की सूरत में बेरोजगारी भत्ते का भुगतान करना सुनिश्चित किया जाये।

 

 

मज़दूर बिगुल, फरवरी 2025


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments