एक मज़दूर परिवार की एक सुबह
टिमटिमाती आँखें, सर पर हल्के-हल्के बाल, अपने पैरों को घसीटते हुए बच्चा खड़ा होने की कोशिश कर रहा था। बच्चे ने हरे रंग का कच्छा पहना था और हरी धारीदार टी-शर्ट। उम्र मुश्किल से एक वर्ष होगी। अचानक उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान आयी, जैसे उसने कोई नयी तरकीब सोची हो और वह घुटनों के बल आगे बढ़ने लगा। बच्चे की आँखें देखकर पता चल रहा था कि वह अभी थोड़ी देर पहले ही रोकर चुप हुआ है।