बिगुल पुस्तिका – 8 : लाभकारी मूल्य, लागत मूल्य, मध्यम किसान और छोटे पैमाने के माल-उत्पादन के बारे में मार्क्सवादी दृष्टिकोण : एक बहस
इस पूरी बहस को प्रकाशित करने का मूल कारण यह है कि भारत के कम्युनिस्ट क्रान्तिकारी आन्दोलन में लागत मूल्य, लाभकारी मूल्य और मँझोले किसानों के सवाल पर भारी भ्रान्ति व्याप्त है। ज़्यादातर की अवस्थिति इस मामले में कमोबेश एस. प्रताप जैसी ही है। अपने को मार्क्सवादी कहते हुए भी उनकी मूल अवस्थिति नरोदवादी है। इसलिए इस प्रश्न पर सफ़ाई बेहद ज़रूरी है।