(मज़दूर बिगुल के अगस्त 2019 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

सम्पादकीय
झूठी बातों से सच को हमेशा दबाया नहीं जा सकता! आतंक का राज क़ायम करके लोगों को उठ खड़े होने से रोका नहीं जा सकता
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
ऑटोमोबाइल सेक्टर में भीषण मन्दी से लाखों लोगों का रोज़गार छिन सकता है / अविनाश
अर्थव्यवस्था का संकट गम्भीरतम रूप में – पूँजीपतियों का मुनाफ़ा बचाने के लिए संकट का सारा बोझ मेहनतकशों की टूटी कमर पर / मुकेश असीम
श्रम कानून
वेतन संहिता अधिनियम 2019 – मज़दूर अधिकारों पर बड़ा आघात / शिशिर
फासीवाद / साम्प्रदायिकता
‘यूएपीए’ संशोधन बिल : काले कारनामों को अंजाम देने के लिए लाया गया काला क़ानून / आनन्द सिंह
सैंया भये दोबारा कोतवाल, अब डर काहे का! / वृषाली
पूँजीवादी संकट गम्भीर होने के साथ ही दुनिया-भर में दक्षिणपंथ का उभार तेज़ / शिशिर
विशेष लेख / रिपोर्ट
कश्मीर के मुद्दे पर सोचने के लिए कुछ बेहद ज़रूरी सवाल – क्या किसी क़ौम को ग़ुलाम बनाने की हिमायत करके हम आज़ाद रह सकते हैं? / अभिनव
संघर्षरत जनता
कर्नाटक के गारमेण्ट मज़दूरों का उग्र आन्दोलन और लम्बे संघर्ष की तैयार होती ज़मीन / बेबी कुमारी
रेलवे के निजीकरण के ख़िलाफ़ एकजुट संघर्ष के लिए रेल मज़दूर अधिकार मोर्चा की ओर से व्यापक सम्पर्क अभियान जारी
शिक्षा और रोजगार
भीषण बेरोज़गारी और तबाही झेलती दिल्ली की मज़दूर आबादी
आधुनिकीकृत मदरसा और शिक्षक बर्बादी और बदहाली के कगार पर / प्रमोद
स्वास्थ्य
एनएमसी विधेयक : मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर फ़ासीवाद की मार / डॉक्टर्स फ़ॉर सोसाइटी
स्त्री मज़दूर
कारख़ानों में काम करने वाली स्त्री मज़दूरों के बुरे हालात / रविन्दर
लेखमाला
मज़दूर आन्दोलन में मज़दूर अख़बार की भूमिका की एक शानदार मिसाल (ज़ार की दूमा में बोल्शेविकों का काम-7) / ए. बादायेव
औद्योगिक दुर्घटनाएं
वज़ीरपुर की एक और फ़ैक्टरी में करण्ट से एक मज़दूर की मौत! फिर भी ख़ामोशी!
कला-साहित्य
गौहर रज़ा की नज़्म – साज़िश (उन्नाव की बेटी के नाम)
मज़दूरों की कलम से
नहीं सहेंगे इस तानाशाही को अब हम मज़दूर साथियो / संजीव, नालासोपारा, मुम्बई
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्त आप सदस्यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं।
मनीऑर्डर के लिए पताः
मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना,
डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020
बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul
खाता संख्याः 0762002109003787,
IFSC: PUNB0185400
पंजाब नेशनल बैंक,
निशातगंज शाखा,
लखनऊ
|
आर्थिक सहयोग भी करें!
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्यता के अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी करें।
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन
|