हथियारों का जनद्रोही कारोबार और राफ़ेल विमान घोटाला
लेकिन सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि राफ़ेल के बाद मचे इस शोर-शराबे के पीछे की कहानी क्या है? यूपीए सरकार के समय में फ़्रांसीसी कम्पनी दसाल्ट ने सबसे कम क़ीमत की बोली लगाकर यूरोफ़ाइटर को हराकर भारत को लड़ाकू विमान सप्लाई करने का अधिकार हासिल किया था। 2012 से ही विमान के ख़रीद की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गयी थी। उस दौरान भारत सरकार और दसाल्ट एविएशन के बीच यह समझौता हुआ था कि 530 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर से भारत सरकार दसाल्ट से 18 लड़ाकू विमान ख़रीदेगी और 108 विमानों को भारत सरकार की कम्पनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड तकनीक प्राप्त करके बनायेगी। बाद