ब्राज़ील में लूला के जीतने के निहितार्थ
इस वर्ष ब्राज़ील में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वाम पक्ष की ओर से लुइज़ इनेसियो लूला डा सिल्वा के जीतने के बाद ब्राज़ील समेत भारत की लिबरल जमात ब्राज़ील में फ़ासीवाद पर “मुक्कमल जीत” का जश्न मनाकर लहालोट हो रही है। ब्राज़ील के फ़ासीवादी नेता बोल्सोनारो की इस चुनाव में होने वाली हार के साथ ही इस बात का प्रचार पूरे ज़ोर-शोर से किया जा रहा है कि अब ब्राज़ील में आम मेहनतकश जनता के लिए बेहतर ज़िन्दगी का रास्ता खुल चुका है। लेकिन इन तमाम प्रचारों और शोर के बीच ब्राज़ील की जनता की स्मृति को थोड़ा पीछे ले जाकर देखें तो हम ब्राज़ील समेत भारत में लूला के समर्थन में उठ रहे खोखले नारों की असलियत जान पायेंगे।