श्रीलंका का संकट : नवउदारवादी नीतियों की ख़ूनी जकड़ का विनाशकारी परिणाम
श्रीलंका की आम जनता अपने सबसे भयंकर दु:स्वप्न से गुज़र रही है। सभी मूलभूत सुविधाओं से एक-एक कर वह वंचित होती जा रही है। वह आज ईंधन, बिजली, रसोई गैस, पेट्रोल की समस्या से जूझते हुए दाने-दाने को मोहताज है। देश की एक बड़ी मेहनतकश आबादी दिन में एक समय भोजन कर रही है। कइयों को वह भी नसीब नहीं है। जीवनरक्षक दवाइयों के अभाव में अस्पतालों में लोग बे-मौत मर रहे हैं। दवाइयों और बिजली के अभाव में ऑपरेशन और अन्य चिकित्सा प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ रही है जिससे हज़ारों की मौत हो रही है।