23 मार्च के मौके पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम
भगतसिंह को याद करो, नयी क्रान्ति की राह चलो!

रिपोर्ट – अरविन्द

शहीदे आज़म भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत की 85 वीं बरसी पर शहीदों के विचारों के प्रचार-प्रसार के मकसद से जन-अभियानों का आयोजन

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पाण्डव नगर में शहीद यादगारी यात्रा के तहत सभा और सांस्कृतिक कार्यक्रम

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पाण्डव नगर में शहीद यादगारी यात्रा के तहत सभा और सांस्कृतिक कार्यक्रम

शहीद-ए-आज़म भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत की 85वीं बरसी पर बिगुल मज़दूर दस्ता, नौजवान भारत सभा, दिशा छात्र संगठन, पंजाब स्टूडेण्ट यूनियन (ललकार), स्त्री मुक्ति लीग, जागरूक नागरिक मंच और विभिन्न यूनियनों द्वारा देश भर में प्रचार अभियानों व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अमर शहीदों के विचारों का जनता के बीच प्रचार-प्रसार किया गया।
करोड़ों लोगों के दिलों की धड़कन हमारे ये शहीद लोगों के दिलों में बेशक आज भी ज़िन्दा हैं किन्तु इनके क्रान्तिकारी विचारों से व्यापक मेहनतकश जनता आम तौर पर अनभिज्ञ दिखाई देती है। वैसे तो देश की संसद तक में भी भगतसिंह की मूर्ति रखी हुई है किन्तु शहीदों के विचार लोगों तक चले जायें इस बात से शासक वर्ग आज भी भयाक्रान्त रहता है। एक इंसान द्वारा दूसरे इंसान के और एक राष्ट्र द्वारा दूसरे राष्ट्र के किसी भी प्रकार के शोषण के ख़िलाफ़ कुर्बान होने वाले एच.एस.आर.ए. (हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन) के हमारे इन जाबांज़ नायकों के विचार मेहनतकश जनता के संघर्षों के लिए जहाँ दिशा सूचक के समान हैं वहीं शासक वर्ग की रीढ़ में इनसे वर्तमान में भी कँपकँपी पैदा हो जाती है। भगवा गिरोह जो आज राष्ट्रवाद और देशप्रेम का ठेकेदार बना हुआ है भगतसिंह का नाम ही इसके लिए दु:स्वप्न के समान है। संघियों को यदि देश से इनकी गद्दारी का इतिहास याद दिला दिया जाये तो इन्हें साँप सूँघ जाता है।

दिल्ली के खजूरी इलाके में शहीद यादगारी यात्रा के तहत प्रचार अभियान चलाते हुए

दिल्ली के खजूरी इलाके में शहीद यादगारी यात्रा के तहत प्रचार अभियान चलाते हुए

भगतसिंह ने कहा था कि व्यक्ति को ख़त्म किया जा सकता है लेकिन उसके विचारों को नहीं और क्रान्ति की तलवार विचारों की सान पर तेज़ होती है। आज भी मुनाफ़े पर आधारित व्यवस्था के खात्मे के लिए और साम्प्रदायिक-जातिवादी राजनीति की काट करने के लिए हमारे इन शहीदों के विचार बेहद महत्वपूर्ण हैं तथा इन्हें जनता के बीच ले जाना पहले किसी भी समय से ज़्यादा ज़रूरी हो गया है। इसी के मद्देनज़र देश के अलग-अलग इलाक़ों में गाँवों में, शहरों की बस्तियों में, कारखानों और स्‍टेशनों, दफ़्तरों आदि में क्रान्तिकारियों के विचारों को लेकर विचार यात्राएँ व जन-अभियान चलाये गये। पर्चा वितरण, पोस्टर, दीवार लेखन, नुक्कड़ सभा, नुक्कड़ नाटक, विचार गोष्ठी, क्रान्तिकारी संगीत संध्या, क्रान्तिकारी साहित्य आदि माध्यमों से मज़दूरों, ग़रीब किसानों, आम मध्यवर्ग और व्‍यापक आबादी के बीच नयी क्रान्ति के सन्‍देश को पहुँचाया गया। इन अभियानों की एक संक्षिप्त रिपोर्ट यहाँ प्रस्‍तुत है।

क्रान्तिकारी नवजागरण के तहत प्रयाग स्टेशन पर सभा करते हुए

क्रान्तिकारी नवजागरण के तहत प्रयाग स्टेशन पर सभा करते हुए

दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न इलाकों में शहादत दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों और यादगारी यात्राओं का आयोजन किया गया। नौभास के अपूर्व ने बताया कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली की ‘नौजवान भारत सभा’, ‘बिगुल मज़दूर दस्ता’, ‘दिशा छात्र संगठन’ और ‘स्त्री मज़दूर संगठन’ की इकाइयों द्वारा संयुक्त रूप से 10 मार्च से 27 मार्च तक ‘शहीद यादगारी यात्रा’ निकाली गयी। प्रचार गाड़ी पर बनी झाँकी और साइकिलों पर बैनर और तख्तियों के साथ इस विचार यात्रा ने दिल्ली के नरेला, शाहपुर गढ़ी, भोरगढ़, होलम्बी, मेट्रो विहार, बवाना, पूठ, राजा विहार, समयपुर बादली, सूरज पार्क, शाहाबाद डेयरी, रोहिणी के तमाम सेक्टर, जामिया नगर, प्रह्लादपुर, दिल्ली टेक्निकल युनिवर्सिटी, प्रशान्त विहार, पाण्डव नगर आदि जगहों के अलावा दिल्ली से लगते हरियाणा के सोनीपत ज़ि‍ले में क्रान्तिकारी शहीदों के विचारों को लेकर दस्तक दी। इस दौरान पचास हज़ार से अधिक पर्चे बाँटे गये, क्रान्तिकारी पोस्टर लगाये गये, जगह-जगह नुक्कड़ सभाएँ की गयीं, क्रान्तिकारी और प्रगतिशील फ़िल्मों के प्रदर्शन हुए, शहीदों के जीवन, विचारों और उनकी विरासत पर पोस्टर प्रदर्शनियाँ लगायीं गयीं और क्रान्तिकारी गीत प्रस्तुत किये गये। सभी जगह प्रचार टोली ने कहा कि शहीदों के विचारों को हमें बड़ पैमाने पर आम जनता के बीच ले जाना होगा। जब मज़दूर-किसान, छात्र-नौजवान जागेंगे तभी इस सड़ाँध मारती व्यवस्था को बदला जा सकता है तथा शहीदों के सपनों को साकार किया जा सकता है। आज लोकतंत्र का मतलब हमारे देश में महज़ यही रह गया है कि हर पाँच साल में ठप्पा मारकर किसी न किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए चुन लो। नेताओं, अफसरों, बिचौलियों का भ्रष्टाचार जब हद से ज्यादा हो जाता है, तो बीच-बीच में जनता की आँखों में धूल झोंकने के लिए सुधार और भ्रष्टाचार से मुक्ति का झण्डा उठाये हुए कोई ”श्रीमान सुथरा जी” आ जाते हैं जो व्यवस्था पर लगे खून के धब्बों को धोने को कोशिश करते हैं, ताकि लोगों का भ्रम बना रहे और पूँजी की कानूनी लूट और लोकतंत्र का ड्रामा चलता रहे। जाति और धर्म के नाम पर आम गरीबों-मेहनतकशों को आपस में बाँट देना और लड़ाते रहना, यह सत्ताधारियों की पुरानी तरकीब है, इसे समझना होगा और इसके ख़िलाफ़ एक लम्बी लड़ाई की तैयारी करनी होगी।

हरियाणा के धमतान साहिब गाँव की जनसभा का चित्र

हरियाणा के धमतान साहिब गाँव की जनसभा का चित्र

दिल्ली के ही करावल नगर, खजूरी, वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र, पीरागढ़ी इलाकों में नौजवान भारत सभा, बिगुल मज़दूर दस्ता, दिशा छात्र संगठन, करावल नगर मज़दूर यूनियन, दिल्ली इस्पात उद्योग मज़दूर यूनियन के संयुक्त प्रयासों से 27 मार्च से 29 मार्च के बीच तीन दिवसीय शहीद यादगारी यात्रा का आयोजन किया गया। नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से लोगों को बताया गया कि मौजूदा पूँजीवादी व्यवस्था में सत्ता में भगवा रंग में रंगा मोदी आये या फ़िर आम आदमी की रट लगाने वाला नौटंकीबाज़ केजरीवाल आये इससे ग़रीब आबादी के हालात में कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है। सरकारें पूरी तरह से पूँजीपतियों पर मेहरबान हैं इसीलिए तो बैंकों को एक लाख 14 हज़ार करोड़ का कर्ज़ा निगल जाने वाले पूँजीपति घरानों का बाल भी बाँका नहीं हुआ। दूसरी तरफ़ महँगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार की चक्की में पिस रही आम जनता के दुःख-तख़लीफ़ों से इन तथाकथित जनप्रतिनिधियों को कुछ भी लेना-देना नहीं है। इस दौरान व्यापक पर्चा वितरण, नुक्कड़ सभाओं और फ़िल्म और पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से शहीदों के विचारों को मज़दूर और निम्नमध्यवर्गीय आबादी के बीच पहुँचाया गया।

चण्डीगढ़-मोहाली में शहीद संकल्प यात्रा के तहत नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करते हुए

चण्डीगढ़-मोहाली में शहीद संकल्प यात्रा के तहत नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करते हुए

गाज़ियाबाद में भी शहादत दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। नौजवान भारत सभा की गाज़ियाबाद इकाई की संयोजिका श्वेता ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत घण्टाघर स्थित भगतसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और सभा से हुई। इस मौके पर वक्ताओं ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खि़लाफ़ संघर्ष का रास्ता दिखाने और अपने प्राणों की आहुति देने वाले भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के साथ-साथ खालिस्तानी आतंकवाद के खि़लाफ़ अपने प्राणों की आहुति देने वाले पंजाब के क्रान्तिकारी कवि अवतार सिंह पाश को भी याद किया। इस मौके पर विहान टोली द्वारा क्रान्तिकारी गीत प्रस्तुत किये गये। इसके बाद 25 से 27 मार्च तक चले क्रान्तिकारी नवजागरण अभियान के तहत प्रभात फ़ेरी, नुक्कड़ नाटक, संगीत संध्या, पुस्तक प्रदर्शनी, फ़िल्म प्रदर्शन आदि के माध्यम से शहीदों के विचारों को लोगों तक पहुँचाया गया।

पटना में पुस्तक और पोस्टर प्रदर्शनी के दौरान नौभास के कार्यकर्त्ता

पटना में पुस्तक और पोस्टर प्रदर्शनी के दौरान नौभास के कार्यकर्त्ता

उत्तर प्रदेश में भी बड़े स्तर पर प्रचार अभियानों का आयोजन किया गया। नौभास के प्रसेन ने बताया कि पूर्वी उत्तरप्रदेश के काफ़ी बड़े इलाके में दिशा छात्र संगठन, नौजवान भारत सभा तथा स्त्री मुक्ति लीग ने 15 दिवसीय क्रान्तिकारी नवजागरण अभियान चलाया। इसकी शुरुआत 15 मार्च की सुबह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साइकिल मार्च निकाल कर की गयी जो बालसन, आज़ाद पार्क, मेडिकल कॉलेज, रामबाग चौक, सिविल लाइन्स, कचेहरी होते हुआ बैंक रोड पर ख़त्म हुआ। 15 मार्च की शाम को इलाहाबाद के छोटा बघाड़ा, कटरा, राजापुर आदि इलाकों में साइकिल मार्च निकाला गया। इस दौरान कई नुक्कड़ सभाएँ की गयीं व क्रान्तिकारी गीत गाये गये। इसके बाद अगले दो दिनों तक इलाहाबाद के नैनी, झूँसी और फाफामऊ के अलग-अलग इलाकों में साइकिल मार्च, पैदल मार्च, नुक्कड़ सभाओं व पर्चा वितरण के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रयाग रेलवे स्टेशन और उसके आसपास के इलाकों में प्रभात फेरी निकाली गयी। 18 मार्च को जौनपुर में पैदल मार्च का आयोजन किया गया। इस दौरान जौनपुर के भण्डरिया स्टेशन, कोतवाली, अटाला मस्जिद आदि जगहों पर नुक्कड़ सभाएँ की गयीं और क्रान्तिकारी गीत गाये गये। 19 मार्च को अम्बेडकर नगर के सिंघलपट्टी स्थित ‘शहीद भगतसिंह पुस्तकालय’ से साइकिल मार्च की शुरुआत हुई। लगभग 50 किलोमीटर लम्बे इस साइकिल मार्च के दौरान सिंघलपट्टी, राजेसुल्तानपुर, पदुमपुर, चोरमरा, देवरिया, जहाँगीरगंज, कम्हरिया घाट, मैदनिया, गढ़वल आदि इलाकों में प्रचार अभियान चलाया गया। 20 मार्च को ‘शहीद भगतसिंह पुस्तकालय’ सिंघलपट्टी में ‘शहीद-ए-आज़म भगतसिंह की विरासत’ विषय पर विचार-विमर्श का आयोजन किया गया। 21 मार्च को आजमगढ़ शहर में एक पैदल मार्च निकाला गया जिस दौरान कई नुक्कड़ सभाएँ की गयीं और व्यापक पैमाने पर परचा वितरण किया गया। 22 से 27 मार्च के बीच गोरखपुर शहर के विभिन्न इलाकों और रेलों में प्रचार अभियान चलाया गया। 28 मार्च को मऊ, 29 मार्च को गाजीपुर, 30 मार्च को बनारस में यह अभियान चलाया गया। क्रान्तिकारी नवजागरण अभियान का समापन 31 मार्च को इलाहाबाद में किया गया। विभिन्‍न सभाओं में अभियान टोली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव सर पर है और ऐसे में साम्प्रदायिक ताकतें जनता को फ़िर से धर्म और मन्दिर-मस्जिद के नाम पर बाँटने के प्रयास कर रही हैं। सपा-बसपा से लेकर भाजपा-कांग्रेस तक वोट की गोट लाल करने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हैं। गाय और मन्दिर जैसे विषय पर आसमान सर पर उठा देने वाले योगी आदित्यनाथ जैसे लोग रोज़गार जैसे मसलों पर ज़बान तक नहीं हिलाते। ऐसे में हमें जाति-धर्म के नाम पर बँटने की बजाय सत्ताधारियों को अपनी एकता के दम पर झुकाना चाहिए और शहीदों के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए कमर कस लेनी चाहिए।
लखनऊ में शहादत दिवस की पूर्वसंध्या पर नौजवान भारत सभा, जागरूक नागरिक मंच और स्त्री मुक्ति लीग ने इन्क़लाबियों के विचारों को लोगों तक पहुँचाने के लिए क्रान्तिकारी प्रचार मुहिम की शुरुआत की। ‘जाति-धर्म के झगड़े छोड़ो, सही लड़ाई से नाता जोड़ो’, ‘भगतसिंह की बात करेंगे, ज़ुल्म नहीं बर्दाश्त करेंगे’, ‘भगतसिंह का सपना आज भी अधूरा, मेहनतकश और नौजवान उसे करेंगे पूरा’ जैसे नारे लगाते हुए अभियान टोली ने पुराने लखनऊ के मुफ़्तीगंज, ठाकुरगंज, मुसाहिबगंज, छोटा इमामबाड़ा आदि इलाक़ों की गलियों में दर्जनों छोटी-छोटी सभाएँ कीं और पर्चे बाँटे। मार्च के अन्त तक शहर के कई और इलाकों में भी यह मुहिम चलायी गयी। सभाओं में और लोगों से बातचीत में कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूँजीवादी राजनीति और संस्कृति ने सामाजिक ताने-बाने को आपसी कलह, फूट, नफ़रत, भ्रातृघाती हिंसा और तरह-तरह की मानसिक बीमारियों से भर दिया है। यह पूँजीवादी व्यवस्था अन्दर से सड़ चुकी है और इसी सड़ाँध से पूरी दुनिया के पूँजीवादी समाजों में हिटलर-मुसोलिनी के वे वारिस पैदा हो रहे हैं, जिन्हें फासिस्ट कहा जाता है। हमें अपने महान शहीदों द्वारा छेड़ी गयी अधूरी लड़ाई को अंजाम तक पहुँचाना होगा, मेहनतकश जनता के बहादुर सपूतों को भगतसिंह के विचारों का परचम ऊँचा उठाना होगा, आम जनता के इंक़लाबी जनसंगठन बनाने होंगे तथा देशी-विदेशी लूट और जनतंत्र के नाम पर जारी धनतंत्र की क़ब्र खोदने की तैयारी करनी होगी तभी जाकर शहीदों के सपनों का समतामूलक समाज बनेगा।
पंजाब के भी विभिन्न इलाकों में नौजवान भारत सभा, पंजाब स्टूडेंण्ट यूनियन (ललकार), बिगुल मज़दूर दस्ता और टेक्सटाइल-होज़री कामगार यूनियन द्वारा विभिन्न माध्यमों के द्वारा जनता के बीच शहीदों के विचारों का प्रचार-प्रसार किया गया। नौभास के कुलविन्दर ने बताया कि पंजाब की नौजवानी को आज नशे और बेरोज़गारी की गर्त में धकेला जा रहा है, मज़दूर-किसान आबादी लगातार बर्बादी की तरफ़ ठेली जा रही है और दूसरी और चन्द घराने बेशुमार दौलत पर कुण्डली मारे बैठे हैं और सत्ता की मलाई चाट रहे हैं। ऐसे में पंजाब की मज़दूर, किसान और युवा आबादी को शहीदों की विचारों की फ़िर से याददिहानी करनी होगी और संगठित होकर अपनी आवाज़ उठानी होगी। लुधियाना की रेलवे कॉलोनी, रोज़ गार्डन और विभिन्न नागरिक इलाकों के साथ ही शहर से लगते थरीके, सुनेत जैसे गाँवों में भी व्यापक प्रचार अभियान चलाया गया। 22 मार्च को लुधियाना के पंजाबी भवन में ‘भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव के बारे में भ्रम और असलियत’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका संचालन नौभास की बलजीत ने किया। विभिन्न भागीदारों ने उक्त गोष्ठी में अपने विचार रखे। इसके अलावा नौभास के केन्द्रीय कार्यालय पक्खोवाल और उसके आस-पास के फल्लेवाल, कैले, हलवारा, बुर्जलिट, बुर्जहकीमा, गुज्जरवाल, धालीया, तुसे, जौड़ाहा, पौड़हाई, कंगणवाळ आदि गाँवों में सघन प्रचार अभियान चलाया गया। इस दौरान खालिस्तानियों की गोली से शहीद होने वाले क्रान्तिकारी कवि अवतार सिंह पाश को भी याद किया गया। जिला मानसा के जोगा और अरोड़ी कपूरा गाँवों में प्रचार अभियान चले और शहीदों की याद में मार्च निकाले गये। 27 मार्च को जोगा गाँव में ही शहीदों की विरासत और आज के समय में इसका महत्व विषय पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
चण्डीगढ़ में नौजवान भारत सभा और पंजाब स्टूडेण्ट यूनियन (ललकार) की इकाइयों की ओर से 23 मार्च के शहीदों को समर्पित तीन दिवसीय क्रान्तिकारी मुहिम ‘शहीद संकल्प यात्रा’ का आयोजन किया गया। नौभास के मानव ने बताया कि यह तीन दिवसीय मुहिम चण्डीगढ़ के सेक्टरों और मोहाली के विभिन्न रिहायशी इलाकों में चलायी गयी। शहीद संकल्प यात्रा के दौरान शहीदों के विचारों को व्यापक आबादी तक पहुँचाया गया। साइकिल रैली, मशाल जुलूस, परचा वितरण, नुक्कड़ सभा, पुस्तक प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक और फ़िल्म प्रदर्शनों के ज़रिये शहीदों के विचारों का प्रचार-प्रसार किया गया। विभिन्न वक्ताओं ने अपनी बात में कहा कि भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव को याद करना नेताओं के लिए महज़ रस्म अदायगी हो सकती है लेकिन नौजवानों और मेहनतकशों के लिए यह उनकी शहादत से प्रेरणा लेकर समाज को बदल डालने की लड़ाई में दुगने जोश से लग जाने का मौक़ा है।
हरियाणा में नौजवान भारत सभा द्वारा 15 से 27 मार्च के बीच आयोजित शहीद संकल्प यात्रा ज़ि‍ला कैथल और जीन्द के अलग-अलग गाँवों और कस्बों में पहुँची। नौभास हरियाणा के संयोजक रमेश खटकड़ ने बताया कि शहीदों के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के मकसद से चलायी गयी यह विचार यात्रा चोशाला, शिमला, बालू, नौच, मोहलखेड़ा, सुरजाखेड़ा, उझाना, बेलरखा, धरोदी, करमगढ़, धमतान साहिब आदि गाँवों में तथा कलायत, नरवाना और कैथल शहरों में चलायी गयी। गाँव धमतान साहिब में शहीद संकल्प संध्या का आयोजन भी किया गया। भाजपा ने चुनाव से पहले हरियाणा की जनता से क़रीब 150 वायदे किये थे जिनमें रोज़गार देने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, 12वीं पास और बीए पास बेरोज़गारों को 6,000 और 9,000 बेरोज़गारी भत्ता देने, मनरेगा को आगे बढ़ाने, किसानों को उचित कृषि सुविधाएँ प्रदान करने, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने जैसे वायदे शामिल थे। सरकार में आने के बाद भाजपा ने इन वायदों के प्रति ‘एक चुप सौ सुख’ की नीति अपना रखी है। उल्टा हरियाणा की जनता को जाति के नाम पर भयंकर रूप से बाँट दिया गया है।

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पाण्डव नगर में शहीद यादगारी यात्रा के तहत सभा और सांस्कृतिक कार्यक्रम

दिल्ली एनसीआर के गाज़ियाबाद में प्रचार अभियान चलाते हुए नौजवान भारत सभा के कार्यकर्त्ता

गाँव-गाँव में नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से विभिन्न वक्ताओं ने अपनी बातों में लोगों को बताया कि आज अपने शहीदों के सपनों को याद करने का मतलब उनकी कही गयी बातों को याद करना ही है।
मुम्बई में भी शहीदों की याद में क्रान्तिकारी प्रचार अभियान चलाया गया। ज्ञात हो कि नौभास के दफ़्तर पर पुलिस और एटीएस (एण्टी टेरेरिस्ट स्क्वाड) ने छापा मारा था। पटना, बिहार में भी भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस की 85वीं बरसी के अवसर पर नौजवान भारत सभा, दिशा छात्र संगठन और जागरूक नागरिक मंच के द्वारा शहर के गाँधी मैदान में पोस्टर प्रदर्शनी व पुस्तक प्रदर्शनी लगायीं गयीं इसके साथ ही व्यापक परचा वितरण भी किया गया। नौभास की वर्षा ने कहा की शहर की नागरिक आबादी और युवाओं ने शहीदों के विचारों और क्रान्तिकारी साहित्य के प्रति सकारात्मक रुख का प्रदर्शन किया।
इस प्रकार से 85वें शहीदी दिवस के अवसर पर देश भर में जनसंगठनों ने भारतीय क्रान्ति के प्रतीकों शहीद भगतसिंह, शहीद राजगुरु और शहीद सुखदेव को याद किया और उनके क्रान्तिकारी विचारों को जनता के बीच प्रचारित-प्रसारित किया।

मज़दूर बिगुल, मार्च-अप्रैल 2016


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments