तस्वीर बदल दो दुनिया की
शशि प्रकाश
तोड़ो ये दीवारें, भर दो अब ये गहरी खाई
जागो दुखियारे इन्सानो
तस्वीर बदल दो दुनिया की
तस्वीर बदल दो दुनिया की
तस्वीर बदल दो दुनिया की
चलती मशीनें ये तेरे ही हाथों से
उगती हैं फसलें ये तेरे ही हाथों से
क्यों फिर ले जाते हैं
ज़ुल्मी जोंक तुम्हारी कमाई
उठ जाओ मज़दूरो और किसानो
तस्वीर बदल दो दुनिया की
तस्वीर बदल दो दुनिया की
तस्वीर बदल दो दुनिया की
ये चौबारे महल उठाये हैं तूने
सुख के सब सामान जुटाये हैं तूने
फिर क्यों बच्चों ने तेरे
हर दम आधी रोटी खायी
उठ जाओ मज़लूमो और जवानो
तस्वीर बदल दो दुनिया की
तस्वीर बदल दो दुनिया की
तस्वीर बदल दो दुनिया की
ज़ुल्मों की कब्रें तेरे ही हाथ खुदेंगी
तेरे ही हाथों नयी दुनिया बनेगी
मत ये समझो तूने
जीवन की सब पूँजी गँवायी
जागो दुखियारे इन्सानो
तस्वीर बदल दो दुनिया की
तस्वीर बदल दो दुनिया की
तस्वीर बदल दो दुनिया की
क्रान्तिकारी बैण्ड ‘विहान’ द्वारा गाये इस गीत का ऑडियो लिंक
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्त आप सदस्यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं।
मनीऑर्डर के लिए पताः
मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना,
डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020
बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul
खाता संख्याः 0762002109003787,
IFSC: PUNB0185400
पंजाब नेशनल बैंक,
निशातगंज शाखा,
लखनऊ
|
आर्थिक सहयोग भी करें!
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्यता के अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी करें।
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन
|