गोरखपुर में पुलिस द्वारा मज़दूर आंदोलन के दमन के विरोध में
यू.पी. भवन पर प्रदर्शन में शामिल हों
21 अक्टूबर, 2009, सुबह 11 बजे
उत्तर प्रदेश भवन,
4, सरदार पटेल मार्ग, चाणक्यपुरी, दिल्ली
साथियो, हमने आपको गोरखपुर में मजदूर आंदोलन को कुचलने के लिए तीन युवा कार्यकर्ताओं को फर्जी मामलों में गिरफ्तार किए जाने की सूचना दी थी, इस मामले में 9 और मजदूरों पर झूठे मुकदमे दायर किए गए हैं। जिला प्रशासन और पुलिस, फैक्ट्री मालिकों के भाड़े के गुण्डों की तरह काम कर रहे हैं। जिला प्रशासन थैलीशाहों के पक्ष में बेशर्मी की हद पार कर चुका है। 15 अक्टूबर को बातचीत के बहाने एडीएम (सिटी) के कार्यालय में बुलाकर तीन वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों – एडीएम (सिटी), सिटी मजिस्ट्रेट और कैंट इंस्पेक्टर ने खुद इन श्रमिक नेताओं को बुरी तरह पीटा। उन्होंने दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित एक युवा कार्यकर्ता तक को नहीं बख्शा और उनके साथियों के विरोध और अपील के बावजूद बर्बरता से उनकी पिटाई की गई।
इन सभी को 22 अक्टूबर तक जमानत देने से इंकार कर दिया गया है, और पुलिस ”गैंग्सटर एक्ट” लगाकर उन्हें लंबे समय तक जेल में बंद रखने की योजना बना रही है। यही नहीं, पुलिस-प्रशासन-मालिक गठजोड़ इन युवा कार्यकर्ताओं को ”नक्सलवादी” और ”आतंकवादी” घोषित करने पर तुला हुआ है और उन्हें परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की धमकियां दी जा रही हैं।
मालिकों की शह पर पुलिसिया आतंकराज कायम कर दिया गया है।
मज़दूर आंदोलन पर इस हमले के विरोध में मज़दूरों, विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हों।
Satyam
99104 62009
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन