मज़दूरों के दमन, गिरफ़्तारियों व अवैध तालाबन्दी के विरोध में दूसरी याचिका
गोरखपुर में मज़दूरों के दमन, मज़दूर नेताओं की झूठे आरोपों में गिरफ़्तारी और प्रशासन के खुले सहयोग से जारी दो कारख़ानों की अवैध तालाबन्दी के विरोध में मुम्बई की वरिष्ठ वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता कामायनी बाली-महाबल द्वारा शुरू की गयी ऑनलाइन याचिका। सैकड़ों बुद्धिजीवियों, न्यायविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, ट्रेडयूनियन कर्मियों, पत्रकारों आदि के हस्ताक्षरों के साथ इसे 1 जून को मुख्यमन्त्री मायावती के पास भेजा गया।
सेवा में
सुश्री मायावती,
मुख्यमन्त्री,
उत्तर प्रदेश
आदरणीय महोदया,
हम, अधोहस्ताक्षरी, गोरखपुर के ज़िला प्रशासन और पुलिस तन्त्र द्वारा गोरखपुर के मज़दूर आन्दोलन के दमन की कठोर निन्दा करते हैं। गोरखपुर के मज़दूरों ने गत 16 मई से गोरखपुर के बरगदवा औद्योगिक क्षेत्र की अंकुर उद्योग लिमिटेड नामक फ़ैक्टरी के मालिक द्वारा भाड़े के गुण्डों से करवायी गयी फ़ायरिंग में 19 मज़दूरों के घायल होने की घटना के खि़लाफ़ शान्तिपूर्ण ‘मज़दूर सत्याग्रह’ की शुरुआत की थी। लेकिन मज़दूरों की जायज़ माँगों पर ध्यान देने के बजाय ज़िला प्रशासन बेशर्मी के साथ फ़ैक्टरी मालिकों का पक्ष ले रहा है और इस शान्तिपूर्ण आन्दोलन को कुचलने पर आमादा है।
मज़दूर सत्याग्रह के अंग के तौर पर मज़दूर 16 मई की सुबह से आमरण अनशन पर बैठे थे। लेकिन 20 मई को मज़दूरों को तितर-बितर करने केलिए डीआईजी की मौजूदगी में पुलिस ने शान्तिपूर्ण सत्याग्रह पर भारी लाठीचार्ज किया और 73 मज़दूरों को हिरासत में लिया गया। इनमें से अधिकतर को देर रात रिहा कर दिया गया लेकिन बी.एच.यू. की एक छात्र श्वेता, एक महिला मज़दूर सुशीला देवी को गिरफ़्तार कर लिया गया। मज़दूर नेता तपीश मैन्दोला को पुलिस ने किसी स्थान से उठा लिया था और अगले दिन सुबह तक उनकी गिरफ़्तारी नहीं दिखायी गयी थी। दोपहर में अचानक तपीश को न्यायालय में पेश कर दिया गया। पुलिस ने सभी मज़दूर नेताओं के खि़लाफ़ आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। यह बेहद हास्यास्पद है क्योंकि अधिकतर गिरफ़्तार नेता वे हैं जो अनशन पर बैठे ही नहीं थे। श्वेता और सुशीला देवी का स्वास्थ्य पांच दिनों की भूख हड़ताल से काफ़ी ख़राब हो गया था और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। बाक़ी 12 मज़दूरों को जेल भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कुछ पुलिस और प्रशासन के अधिाकारी काफ़ी समय से मज़दूर नेताओं को लगातार ‘गम्भीर परिणामों’ की धमकी दे रहे थे। वे विशेष रूप से तपीश, प्रमोद कुमार और प्रशान्त को लक्ष्य बनाये हुए थे और उनपर ‘माओवादी-अराजकतावादी’ होने का ठप्पा लगा रहे थे।
21 मई को, जब सैकड़ों मज़दूर एक पूर्वघोषित कार्यक्रम के लिए ज़िला कलेक्टर के कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने अनेक स्थानों पर उनपर लाठीचार्ज किया और उन्हें एकत्र होने से रोका। इसके बाद मज़दूरों ने टाउन हॉल पर गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें वहाँ भी पहुँचने से रोकने के लिए बल प्रयोग किया। कई घण्टों तक, ज़िला कलेक्टर का कार्यालय पुलिस छावनी में तब्दील रहा और पुलिस पास-पड़ोस से मज़दूरों को खोज-खोजकर भगाती रही। मज़दूरों जैसे दिखने वाले चार-पाँच लोग जहाँ भी खड़े दिखायी देते पुलिस लाठियाँ लेकर उनपर बरस पड़ती थी। आतंक का यह नंगा राज्य पूरे दिन क़ायम रहा। हालाँकि गिरफ़्तार मज़दूर नेताओं में से ज़्यादातर को छोड़ दिया गया लेकिन तपिश सहित 12 मज़दूर नेता अभी भी जेल में हैं और उन्हें झूठे आरोपों में फँसाने की साज़िश की जा रही है। यह बेहद अफ़सोसनाक बात है कि क़ानून-व्यवस्था के बजाय गोरखपुर में नंगा आतंक राज्य व्याप्त है। मज़दूरों पर फ़ायरिंग की घटना के दो सप्ताह बीतने को आ गये हैं लेकिन अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अबतक कोई प्रयास नहीं किया है। उन अधिकारियों के खि़लाफ़ कोई कार्रवाई नहीं शुरू की गयी है जिन्होंने फ़ायरिंग करने वाले गुण्डों को भागने में मदद की थी जबकि पुलिस के पहुँचने तक मज़दूरों ने उन्हें घेरकर रखा था। हालाँकि, 9 मई को मज़दूरों के भारी प्रतिरोध के बाद अंकुर उद्योग का मालिक मनमाने तरीक़े से निष्कासित किये गये मज़दूरों को वापस लेने को विवश हो गया, लेकिन वी.एन. डायर्स की दो फ़ैक्टरियों में अभी भी अवैध तालाबन्दी चल रही है और उनके 18 निष्कासित मज़दूरों को वापस काम पर नहीं लिया गया है।
इन दुखद परिस्थितियों के मद्देनज़र हमारी आपसे माँग है कि आप तुरन्त इस मामले में हस्तक्षेप करें और निम्नलिखित क़दम उठाकर गोरखपुर में क़ानून-व्यवस्था बहाल करें:
- मज़दूर नेताओं को तुरन्त रिहा किया जाये और उनके खि़लाफ़ दर्ज झूठे मुक़दमे वापस लिये जायें
- 3 मई को मज़दूरों पर गोली चलाने वाले अपराधियों को गिरफ़्तार किया जाये
- गुण्डों को भागने में मदद करने वाले अफ़सरों के खि़लाफ़ कार्रवाई की जाये
- फ़ायरिंग की घटना और दमनात्मक कार्रवाई की न्यायिक जाँच करवाई जाये
- घायलों को मुआवज़ा दिया जाये
- वी. एन. डायर्स की दो फ़ैक्टरियों की तालाबन्दी समाप्त की जाये और 18 निष्कासित मज़दूरों को काम पर वापस लिया जाये।
भवदीय,
अधोहस्ताक्षरी
कामायनी बाली-महाबल (मुम्बई), नीलोफ़र भागवत (मुम्बई), राहुल वर्मन (कानपुर), अंजलि मोण्टीरो (मुम्बई), गौतम गांगुली (कोलकाता), जेवियर डायस (रांची), सुधा भारद्वाज (बिलासपुर छत्तीसगढ़), डा. पुण्यब्रत गुन (कोलकाता), ज्योति पुनवानी (मुम्बई), दीपांकर चक्रवर्ती (सम्पादक, अनीक, कोलकाता), शम्सुल इस्लाम (दिल्ली), नीलिमा शर्मा (दिल्ली), मधुरेश कुमार (एनएपीएम, दिल्ली), बी.आर. बापूजी (हैदराबाद), जावेद इकबाल (मुम्बई), जे. केशव (बंगलौर), दीया उबेराय (मुम्बई), रोमा (सोनभद्र), शान्ता भट्टाचार्जी (सोनभद्र), राधा होल्ला (नोएडा), रंजनी कमला मूर्ति (चेन्नई), फ्रेडरिक डिसूजा (एल्महर्स्ट), प्रो. अली सैयद (जगदलपुर), सुभाष गाताडे (दिल्ली), सन्दीप (दिल्ली), राजशेखर जम्मालदाका (यूएसए), अमनदीप सिंह (अमृतसर), विजय प्रकाश सिंह (मुम्बई), बालाजी नरसिम्हन (यूएसए), विभा सिंह (मुम्बई), प्रवीण, (मुम्बई), मुनीश, विमला सक्करवाल, अभय शुक्ला (पुणे) जय पुष्प (दिल्ली), निधि (मुम्बई), चौ. नरेन्द्र (हैदराबाद), पृथ्वी (पीटीआई, दिल्ली), महताब आलम (दिल्ली), लखविन्दर (लुधियाना), अशोक पाण्डे (हल्द्वानी), विवेक सुन्दरा (मुम्बई), अनिमेष बहादुर (मुम्बई), सफवान आमिर (दिल्ली), अवतार गिल (कनाडा), शहाब कलीम (कोलकाता), शुक्ला सेन, एकता (मुम्बई), महेश कुमार (कानपुर), एस. शेषन (मुम्बई), फहद (हैदराबाद), कामायनी (मुम्बई), कविता कौशिक (पुणे), अभिजीत गुप्ता (कोलकाता), एशले टेलिस (नई दिल्ली), आमिर रिजवी (मुम्बई), कामता प्रसाद (लखनऊ), ललित सती, ममता साहनी (दिल्ली), आनन्द सिंह (पुणे), आरती चोक्सी (बंगलोर), सुमित रॉय (कोलकाता), सलीम हमजा साबूवाला (मुम्बई), उमा वी चन्द्रू (बंगलोर), कृष्णकुमार रामकृष्णन (तिरुअनन्तपुरम), सुतापा मजूमदार (पुणे), सुब्रत घोष (कोलकाता), मयंक दीक्षित (गुड़गाँव), सालेह मैमन (यूनाइटेड किंगडम), प्रशान्त (मुम्बई), सुधीर पांडेय (नई दिल्ली), प्रकाश सिंह रावत (नई दिल्ली), कृष्णा (मुम्बई), एसएम ज़की अहमद (नई दिल्ली), अरुण संधू (मेरठ), अभिनव यादव (मुम्बई), नितिन कुमार (मुम्बई), धीरज कुमार (दिल्ली), परमजीत सिंह (दिल्ली), सुंदर (चेन्नई), राज कुमार (गुड़गाँव), अभिनंदन जैन (अम्बाला सिटी), कुमारपाल जैन (अम्बाला), सत्यनारायण (मुम्बई), इन्द्रजीत झा (दिल्ली), गिरीश जोशी (दिल्ली), समर (पंजाब), कस्तूरी बसु (यूएसए), श्रीप्रकाश (रांची), बॉबी रमाकान्त (लखनऊ), जे.ए.ओ.आर. (जादूगोड़ा), सोहेब लोखंडवाला (मुम्बई), सन्नी सिंह (दिल्ली), भुवन वेणु (नई दिल्ली), डा. सिद्धार्थ गुप्ता (कोलकाता), प्रिय रंजन (लखनऊ), प्रशान्त (मुम्बई), प्रेम प्रकाश (दिल्ली), अमलेन्दु उपाध्याय (दिल्ली), राम सिंह बिन्द (दिल्ली), नवीन प्रकाश (गाजियाबाद), अजय (दिल्ली), संजय श्रीवास्तव (लखनऊ), शाहबाज खान (नई दिल्ली), सुशान्त हालदार (चेक गणराज्य), चन्द्रशेखर नायर (नवी मुम्बई), आशीष रंजन झा (मुम्बई), रणविजय (लखनऊ), ज्ञानेन्द्र ओझा (नोएडा), तर्कवागीश (गुड़गाँव), पर्यटक ड्राइवर यूनियन (वाराणसी), गोकुल दलित (वाराणसी), मानव किरण मिश्र (वाराणसी), वादा फ़ाउण्डेशन (लखनऊ), किरन उपाध्याय (वाराणसी), अंशुमान सिंह (लखनऊ), प्रशान्त कुमार (ग्रेटर नोएडा), राजविन्दर (लुधियाना), सतीश कुमार (गुड़गाँव), ममता दाश (नई दिल्ली), अनिर्बान प्रधान (मेदिनीपुर), इन्दिरा सी (दिल्ली), गरिमा गुप्ता (दिल्ली), साकेत (दिल्ली), आनन्दरूप घोष (कोलकाता), मोहन सिरोया (मुम्बई), कुलदीप गौतम (गाजियाबाद), अभिषेक (गुड़गाँव), सायन भट्टाचार्य (कोलकाता), स्टीफ़न कार्डवेल (यूके), बनजीत हुसैन (दिल्ली), पुष्पा अचन्ता (बंगलौर), डा. डी मंजीत (नई दिल्ली), आलोक श्रीवास्तव (नई दिल्ली), डा. अशोक कुमार मोइत्र (कोलकाता), अनाविला (सिंगापुर), श्रीकान्त चौधरी (मुम्बई), प्रभाकर कृष्णमूर्ति (चेन्नई), मुथम्मा देवाया (बंगलौर), शालिनी (लखनऊ), जयन्त दास (हावड़ा), जमीर (लुधियाना), सुव्रत (लखनऊ), अंजलि (दिल्ली), शिवार्थ पांडेय (लखनऊ), डा. जे सील (कोलकाता), पवन वर्मा (इलाहाबाद), हरिंदर पाल सिंह ईश्वर (चंडीगढ़), लल्लन बघेल (चंडीगढ़), शीतल जैन (गाजियाबाद), राहुल दारापुरी (लखनऊ), सोमू कुमार (यूएसए), मनाली चक्रवर्ती (कानपुर), अनुराग (पुणे), वसुंधरा (नई दिल्ली), गौरव छाबड़ा (चंडीगढ़), प्रीति के (मुम्बई), लीजा क्लार्क (यूएसए), राकेश रंजन (दिल्ली), तनुश्री गंगोपाध्याय (अहमदाबाद), राजेन्द्रन (यूएसए), सत्यम (दिल्ली), उमंग कुमार (यूएसए), सुमन्त भट्टाचार्य (सिलीगुड़ी), सुनील (वर्धा), विप्लव (अल्मोड़ा), सौरव बनर्जी (नई दिल्ली), राजदेव चतुर्वेदी (आजमगढ़), विजय अग्रवाल (दिल्ली), पैट मुर्ताग (कनाडा), सरित बानिक चौधरी (कल्याणी), इलावर्ती मनोहर (बंगलोर), गौरव जैन (गुड़गाँव), सन्तोष कुमार (नई दिल्ली), सन्नी सिंह (दिल्ली), शाम (गाजियाबाद), राजकुमारी अस्थाना (मुम्बई), गायत्री सिंह (मुम्बई), वरुण खिमानी (अहमदाबाद), श्रद्धा (पुणे), जगदीश जी चंद्रा (बंगलोर), वजी चौधरी (यूएसए), एकादशी प्रधान (कनाडा), नीलिमा डीसिल्वा दलवी (मुम्बई), प्रवीण सिंह (दिल्ली), मनदीप कुमार (नोएडा), पास्कल टिर्की (दिल्ली), ध्वजेंद्र धवल (नई दिल्ली), चन्द्रा (कानपुर), रामदास राव (बंगलोर), चिन्मय कुमार हाजरा (मेदिनीपुर), श्रद्धांशु शेखर (बालाघाट), हेमन्त (गाजियाबाद), आशीष (कानपुर), शाहीन नजर (ग्रेटर (नोएडा), मेजर जनरल (सेवानिवृत्त), एस.जी. वोंबातकेरे (मैसूर), प्रो. जगमोहन सिंह (लुधियाना), कुमार विशाल (नोएडा), नागार्जुन (दिल्ली), एलन राए (स्कॉटलैंड), उर्विजा (हैदराबाद), बी.वी. सीताराम (मंगलौर), रिचा मिनोचा (शिमला), इकबाल पाठक (धनौला), वीणा त्रिपाठी (दिल्ली), कोशिश चौरिटेबल ट्रस्ट (पटना), आर.एन. झा (देहरादून), पिंकी (जयपुर), शुभ्र मलिक (कोलकाता), शुभा शमीम (पुणे), अर्चना शेखर (चेन्नई), ईश मिश्र (दिल्ली), प्रसेन सिंह (इलाहाबाद), राजेश सिंह (नई दिल्ली), सोमनाथ मुखर्जी (कोलकाता), आदिल कुरैशी (इंदौर), वकास (कराची), एन.डी. पंचोली (नई दिल्ली), शिवानी (ट्टषिकेश), अरुणिमा चौधरी (कोलकाता), विवेकानंद (नोएडा), नरेंद्र मेहता (वाराणसी), गौरव बाजपेयी (दिल्ली), कैरल मर्फी (आयरलैंड), अमित कुमार शिंदे (लातूर), सुकुमार चंद्रा (खड़गपुर), कंचन (हल्द्वानी), अरुण (त्रिशूर), श्रीप्रकाश जे. (नई दिल्ली), मिनीमोहन मोहन (कोल्लम), अंजन मुखोपाध्याय (कोलकाता), ज्योफ गेस्ट जिस्बॉर्न (ऑस्ट्रेलिया), मिलन मंडल (नीदरलैंड), जितिन (गाजियाबाद), मीनाक्षी (दिल्ली), करिश्मा भारद्वाज (बंगलोर), आशुतोष (इलाहाबाद), मित्र, गुलशन कुमार (मंडी गोबिंदगढ़), डा. देबाशीष दत्त (कोलकाता), चमन लाल (मंडी गोबिंदगढ़), अशोक कुमार (मंडी गोबिंदगढ़), जैस्मीन (लुधियाना), कनिष्क पॉल मजुमदार (कोलकाता), नदीम (दिल्ली), जे राजावेलु (चेन्नई), मृदुला द्विवेदी (मुम्बई), सुमित कुमार (गाजियाबाद), विजय (जौनपुर), अनिरुद्ध राजभर (बलिया), राम गौतम (मुम्बई), डा. प्रमोद कुमार (मिर्जापुर), दीपक (इलाहाबाद), पुनीत (इलाहाबाद), रमेश (इलाहाबाद), अवनीश सिंह (इलाहाबाद), चंदन (इलाहाबाद), रवि भारद्वाज (इलाहाबाद), एड. जीत बहादुर (इलाहाबाद), के. के. रॉय (इलाहाबाद), अनुराग चौहान (गाजियाबाद), जसवीर सिंह (लुधियाना), सत्येन्द्र शर्मा (गाजियाबाद), दीना नाथ गुप्ता (गोरखपुर), अर्जुन प्रसाद सिंह (दिल्ली), ऐनी स्लेटर (अमेरिका), विज पारस (चंडीगढ़), स्वातिलेखा (बंगलोर), एन.के. जीत (बठिंडा), संदीप चौबे (सिलीगुड़ी), कपिल स्वामी (दिल्ली), शालिनी गेरा (दिल्ली), राजीश कोल्लाकण्डी (कालीकट), मनोरंजन (कोरापुट, उड़ीसा), विकास (गोरखपुर), लता कुमारी (नई दिल्ली), डा. शान्तनु घोष (कोलकाता), वकास जहीर (पाकिस्तान), सरिता (बंगलौर), कावेरी राजारामन इन्दिरा (दिल्ली), तारिक अमीना सुलेमान (बंगलोर), विनय भट्ट (बोस्टन), कविता (दिल्ली), डा. शफी उल्लाह खान (बालाघाट), ऐमान सिंह (इलाहाबाद), प्रथमेश (बंगलोर), बूटा सिंह (पंजाब), सौन्दर्य (बंगलोर), गौरव सिंह (दिल्ली), गगन (दिल्ली), रजत खन्ना (उदयपुर), रमेश नंदवाना (उदयपुर), आशीष गुप्ता (गोंडा), आशीष कुमार शुक्ला (लखनऊ), निमिषा द्विवेदी (ठाणे), विनय पांडे (ऑस्टिन), अक्षय राणे (ऑस्टिन), सिद्धार्थ (बंगलौर), हिमानी (दिल्ली), इश्तेयाक (पटना), रवि गंगावरापु (न्यू जर्सी), के. बाबू राव (हैदराबाद), डी. गैब्रिएल (मदुरै), कविता श्रीवास्तव (जयपुर), अखिला (बंगलोर), वेद प्रकाश वटुक (बर्कले), जाहिद शफी अंसारी (नई दिल्ली), वेंकटेसन एस, (अमेरिका). कार्ल नॉर्थ (स्विंडन, यूके), देवेश रंजन (वाराणसी), पुलकित मोगा (साहिबाबाद), शरत जी लिन (यूएसए), अब्दुल माबूद (नई दिल्ली), वरुण शैलेश (नई दिल्ली), चित्रंगना चहल (नई दिल्ली), प्रताप बहादुर (फरीदाबाद), संदीप नय्यर (नवाँशहर), डेविड जॉनसन (यूएसए), सुरजीत सिंह (बलचौत), कीर वलेरी (वियना), नवनीत कुमार मेहता (मुम्बई), मदन केशरी (नई दिल्ली), सुशान्त (नई दिल्ली), डी सिंह (कॉवेंट्री), हाइन्ज लाइटनर (वियना), रेग मैकेड (टोरंटो), फोएब जो मारिया सांचेज (फिलिपींस), अशोकेंदु सेनगुप्ता (कोलकाता), एम.जे. विजयन (नई दिल्ली), जूही जिन्दल (कोटा), माइक बेलार्ड (ऑस्ट्रेलिया), प्रसन्न चौधरी (देवघर)
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