कविता – ऑटो मज़दूर का गीत

राल्‍फ़ मार्लेट (अमेरिका में ‘युनाइटेड ऑटो वर्कर’ नामक पत्रिका में 1930 के दशक में प्रकाशित)

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क्या तुमने किया कभी उस लाइन पर काम
जिसमें झोंके जाते हैं हर रोज़ पाँच हज़ार शरीर?
तो फिर, मेरे भाई, तुमने कभी नहीं जाना
होता क्या है जहन्नुम;
चीख़ता है भोंपू और चालू हो जाती है लाइन
झुको, उठाओ, मारो हथौड़ा, कसो पेंच
और अब रुकना नहीं जब तक न आये दोपहर
या फिर, जब तक कि तुम गिर न पड़ो।

झुको, उठाओ, मारो हथौड़ा, कसो पेंच,
और बहता रहता है पसीना, भरता है मुँह, भरती हैं आँखें
जब तक कि न सूज जायें होंठ पसीने के नमक से
भीगी लटें बरबस गिरती हैं आँखों पर
पर फ़ुरसत कहाँ कि फेर सको उन्हें वापस अपनी जगह
लहसुनी गन्ध में, उलटने लगती हैं तुम्हारी अँतड़ियाँ,
मितलाती उन्हें मानव शरीरों की तीखी गन्ध,
मितलाता है वह जब लोग थूकते हैं खैनी का रस,
और ख़ून!

झुको, उठाओ, मारो हथौड़ा कसो पेंच
उत्पादन बढ़ाओ, लगायी जाती है हाँक
जवाब देती है अब टूटने की कगार पर पहुँची कमर,
पर, न कर सकते सीधा उसे, न ले सकते अँगड़ाई
निर्मम लाइन तुम पर शरीरों का दबाव डालती जाती है
और कुछ नहीं कर सकते तुम उन्हें रोकने के लिए
झुको, उठाओ, मारो हथौड़ा, कसो पेंच
हे भगवान! कहाँ है वह भोंपू,

झुको, उठाओ, मारो हथौड़ा, कसो पेंच
और चार घण्टे बाद खाने के लिए मिलेंगे सिर्फ़ पन्द्रह मिनट
ठूँसो सारी रोटियाँ एक साथ
और फिर से
झुको, उठाओ, मारो हथौड़ा, कसो पेंच
क्या तुमने किया कभी उस लाइन पर काम
जिसमें झोंके जाते हैं हर रोज़ पाँच हज़ार शरीर?
तो फिर, मेरे भाई, तुमने कभी नहीं जाना
होता क्या है जहन्नुम!

Poem – Song of the Auto Worker

Ralph Marlatt (Published in the 1930s in the American magazine “United Auto Worker”)

Have you ever worked on a line puttin’ out five thousand bodies a day?
Then, brother, you ain’t ever been to hell;
The bell rings and the line starts,
Bend, lift, hammer, screw,
No stopping now ’till noon, or ’til you drop,

Bend, lift, hammer, screw,
And the sweat pouring into your eyes and mouth
‘Til your lips are puffed with the salt of it,
Your dripping hair hangs in your eyes
And you can’t take time to push it back,
And your belly turns over at the smell of garlick,
Turns sick at the stench of human bodies,
Turns sick at guys spittin’ tobacco juice and blood,

Bend, lift, hammer, screw,
Get production, the eternal cry,
Your back feels like it’s about to bust
And you can’t straighten up or stretch,
And the line keeps pushin’ bodies at you,
And there ain’t no way you can hold ’em back,
Bend, lift, hammer, screw,
Oh, Christ, where is that bell,

Bend, lift, hammer, screw,
Four hours of it and then fifteen minutes to eat,
Bolt a hunk of bread and at it again,
Bend, lift, hammer, screw;
Have you ever worked on a line puttin’ out five thousand bodies a day?
Then, brother, you ain’t ever been to hell.

 

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