क्या है BDS आन्दोलन?
बहिष्कार (Boycott) के ज़रिये इज़राइल की नस्लभेदी (Apartheid) व्यवस्था, उसमें संलिप्त खेल, सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थानों तथा सभी इज़रायली और उन अन्तरराष्ट्रीय कम्पनियों का बहिष्कार करना शामिल है, जो इज़रायल को मुनाफ़ा पहुँचाकर जनसंहार में उसकी मदद करती हैं।
निवेश वापसी (Divestment) के तहत बैंकों, स्थानीय निकायों, चर्चों, पेंशन फण्डों और विश्वविद्यालयों से यह अपील की जाती है और उन पर यह दवाब डाला जाता है कि वे इज़रायली कम्पनियों और उससे जुड़ी किसी भी संस्था से अपना निवेश हटा लें, जो इज़रायली ज़ायनवादी हत्यारों की सत्ता को बनाये रखने में मददगार है।
प्रतिबन्ध (Sanctions) अभियानों का उद्देश्य सरकारों पर यह दबाव बनाना है कि वे अपने क़ानूनी दायित्वों को निभाएँ, इज़रायली बर्बरता को समाप्त करने में मदद करें और उसकी किसी भी रूप में सहायता न करें—जैसे कि अवैध इज़रायली बस्तियों के साथ व्यापार पर प्रतिबन्ध लगाना, सैन्य व्यापार और मुक्त व्यापार समझौतों को समाप्त करना तथा संयुक्त राष्ट्र और फ़ीफ़ी जैसे अन्तरराष्ट्रीय मंचों में इज़रायल की सदस्यता को निलम्बित करना।
इस अभियान का असर दुनियाभर में देखने को मिल रहा है। इज़रायल का समर्थन करने वाली कई कम्पनियों को भारी नुक़सान झेलना पड़ा है, तो कई दिवालिया तक हो चुकी हैं।
हाल ही में 22 मई, 2025 को नीदरलैण्ड के कई सारे विश्वविद्यालय जैसे कि रेडबॉड यूनिवर्सिटी, यूट्रेख़्ट विश्वविद्यालय और रॉडबौड विश्वविद्यालय ने बीडीएस के तहत इज़रायल के कॉलेजों के साथ सभी सम्बन्धों को समाप्त करने की घोषणा कर दी। वहीं जून महीने में आयरलैण्ड की क्वीन्स यूनिवर्सिटी ने कहा कि वह फ़िलिस्तीन में जारी जनसंहार में शामिल कम्पनियों से अलग हो गया है और इज़रायली विश्वविद्यालय से अब उनका कोई संस्थागत सम्बन्ध नहीं है।
इसी महीने में कनाडा के न्यू ब्रूनस्विक फ़ेडरेशन ऑफ़ लेबर ने इज़रायल को भेजे जा रहे हथियारों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने का आह्वान किया। इसके साथ ही ब्रिटेन और इटली में विशाल खाद्य खुदरा विक्रेता को-ऑप ग्रुप और कॉप अल्लेंज़ा 3.0 ने घोषणा की कि वे अपने सुपरमार्केट में इज़रायली उत्पादों की ख़रीद और बिक्री बन्द कर देंगे। एंटीगुआ और बारबुडा में बीडीएस आन्दोलन के प्रभाव की वज़ह से इज़रायल के लिए सैन्य आपूर्ति करने वाले परिवहनों को प्रतिबन्धित किया गया।
मज़दूर बिगुल, जून 2025