(मज़दूर बिगुल के सितम्‍बर 2024 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

 

 

सम्पादकीय

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के सौ दिन : गठबन्धन की तनी रस्सी पर फ़ासीवाद के नटनृत्य और जनता की जारी तबाही और बदहाली के सौ दिन

श्रम कानून

यूपीएस : एनडीए सरकार द्वारा कर्मचारियों के आन्दोलन को तोड़ने की साज़िशाना और धोखेबाज़ कोशिश / विवेक

फासीवाद / साम्‍प्रदायिकता

फ़ासिस्ट मोदी-शाह सरकार के तीसरे कार्यकाल में भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) के बढ़ते मामलों का क्या मतलब है / आशीष

अपराध को साम्प्रदायिक रंग देने की संघियों की कोशिश को जनता की एकजुटता ने फिर किया नाक़ाम! / अदिति

विशेष लेख / रिपोर्ट

अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण में उप वर्गीकरण – मेहनतकशों को आपस में बाँटने का एक नया हथकण्डा!! / अजित

संघर्षरत जनता

बिजली कनेक्शन की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए ग्रेटर नोएडा में महापंचायत / रूपेश

विरासत

भगतसिंह को पूजो नहीं, उनके विचारों को जानो, उनकी राह पर चलने का संकल्प लो! / अरविन्द

समाज

बढ़ते स्त्री विरोधी अपराध और प्रतिरोध का रास्ता / नौरीन

शिक्षा और रोजगार

देश में बेतहाशा बढ़ती बेरोज़गारी / भारत

पर्यावरण / विज्ञान

केरल में भूस्खलन एवं असम और आन्ध्र-तेलंगाना में बाढ़ से भीषण तबाही / आनन्द

लेखमाला

क्रान्तिकारी मज़दूर शिक्षण माला के विषय में एक आवश्यक सम्पादकीय सूचना

मज़दूर वर्ग की पार्टी कैसी हो? (नवीं किश्त) / सनी

औद्योगिक दुर्घटनाएं

कानपुर देहात में मुनाफ़े के लिए आपराधिक लापरवाही की भेंट चढ़े 6 मज़दूर!

कला-साहित्य

मज़दूर जीवन पर एक प्रसिद्ध कहानी – बदबू / शेखर जोशी

मज़दूरों की कलम से

चुपचाप सहना नहीं है, लड़ना है…

 


 

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मज़दूरों के महान नेता लेनिन

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