आपस की बात
मज़दूर बिगुल के साथियों से मैं ये कहना चाहता हूँ कि मज़दूरों के अधिकारों के बारे में जानकारी देने वाले सरल भाषा में कुछ लेख हर बार दो जिससे हमें उनके बारे में प्रचार करने और संगठन बनाने में आसानी हो। जानकारी न होने से मालिक और दलाल नेता हमें आसानी से घुमा देते हैं।
– राजू शर्मा, नोएडा
हमें एकजुट होना होगा और मज़दूर राज कायम करना होगा
मेरे मज़दूर भाइयो मैं निर्माण क्षेत्र से जुड़ा मज़दूर हूँ। हमारा काम गाड़ियों से रेती, बजरी, सीमेण्ट आदि उतारना और लादना होता है। काम के दौरान न तो किसी भी प्रकार का सुरक्षा इन्तजाम होता है और रोज़-रोज़ काम का मिलना भी निश्चित नहीं होता। बहुत बार खाली हाथ भी घर लौटना पड़ जाता है। बिगुल अख़बार पढ़ने के बाद मुझे पता चला कि हम दुनियाभर के मज़दूरों को क्यों संगठित होना चाहिए। क्योंकि एकजुट होकर ही हम मालिक वर्ग को अपनी माँगों पर झुका सकते हैं। हम नरवाना के मज़दूरों ने अप्रैल महीने में हड़ताल की थी जो जीत के साथ ही ख़त्म हुई थी। इसी समय हमने निर्माण मज़दूर यूनियन का भी गठन किया था। हम ‘मज़दूर बिगुल’ के लेखों को चाव से पढ़ते हैं साथ ही इससे सीख भी लेते हैं तथा अपने अन्य मज़दूर भाइयों को भी इसके बारे में बताते हैं। साथियो मैं आप सबसे यही कहना चाहूँगा कि हमें एकजुट होना होगा और मज़दूर राज कायम करना होगा तभी हम अपने दुखों से छुटकारा पा सकते हैं।
– इन्दर, निर्माण मज़दूर, नरवाना, हरियाणा
मज़दूर बिगुल, सितम्बर 2014
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन