गरम रोला मज़दूर एकता समिति के नेतृत्व में गरम रोला मज़दूरों की हड़ताल का 15वां दिन
हज़ारों मज़दूरों ने निकाली विशाल रैली, तोड़-फोड़ करने वाले तत्वोंं को खदेड़ा, और की सामुदायिक रसोई की शुरुआत की घोषणा
आज दिनांक 20 जून 2014 को, गरम रोला मजदूर एकता समिति के नेतृत्व में जारी हड़ताल के 15वें दिन करीब 3 हज़ार मजदूरों ने श्रीराम चौक पर सुबह 9 बजे इकट्ठा होकर पूरे वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में रैली निकाल कर अपनी एकजुटता और जुझारूपन का परिचय दिया| रैली में लगभग 3000 मज़दूरों ने भाग लिया| इनमें गरम रोला एवं ठंडा रोला में काम करने वाले मज़दूर, तपाई का काम करने वाले मज़दूर और तेजाब का काम करने वाले सभी मज़दूर शामिल थे| इसके बाद, प्रत्येक दिन की भांति सभी मजदूर वजीरपुर के राजा पार्क में आगे की सभा चलाने के लिए एकत्रित हुए जहाँ हड़ताल में शामिल सभी मज़दूरों ने अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने का दृढ़ निश्चय लिया|
सभा की शुरुआत में ही मज़दूरों ने हड़ताल को भीतर से तोड़ने का प्रयास कर रहे कुछ लोगों को हड़ताल से ज़बरन निकाल बाहर किया। ‘इंकलाबी मज़दूर केन्द्र’ के नाम से काम करने वाले संगठन के कुछ लोग पिछले कुछ दिनों से गरम रोला मज़दूर एकता समिति की नेतृत्वकारी कमेटी के सदस्यों के बारे में अफवाह फैलाने, दो अलग ब्लॉकों के मज़दूरों के बीच फूट डालने और साथ ही श्रम विभाग में जारी वार्ता में व्यवधान डालने का प्रयास कर रहे थे। आज सुबह की सभा में मज़दूरों ने खुले तौर पर इन कार्रवाइयों को बेनकाब किया और ‘इंकलाबी मज़दूर केन्द्र’ के कुछ लोगों को हड़ताल स्थल से हटा दिया। ‘गरम रोला मज़दूर एकता समिति’ की कानूनी सलाहकार शिवानी ने अपनी बात में बताया कि जब बृहस्पतिवार को डी.एल.सी. ऑफिस में ‘गरम रोला मजदूर एकता समिति’ और मालिको के द्वारा भेजे वकील के बीच वार्ता चल रही थी तभी ‘इंकलाबी मजदूर केंद्र’ के एक व्यक्ति हरीश का एक लेबर इंस्पेक्टर दीपक के पास फ़ोन आया जिसमें हरीश ने दीपक से पूछा की क्या बात-चीत चल रही है| इसके जबाब में दीपक ने कहा कि मज़दूर समिति के लोग तो यहाँ ही बैठे है तो आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं, मज़दूरों की समिति के लोगो से ही पूछिये।
शिवानी ने कहा की इस तरह की कानाफूसी और श्रम विभाग में सांठ-गांठ किसी भी आन्दोलन के लिए खतरनाक है जिसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा | ‘गरम रोला मज़दूर एकता समिति’ यह तय करती है कि किन लोगों को डी.एल.सी. के ऑफिस में बात करनी है | अगर ऐसा कोई व्यक्ति बात करता है जिसको समिति ने अधिकृत नहीं किया है तो इसके पीछे तोड़-फोड़ की मंशा है| हड़ताल में शामिल सभी मज़दूरों ने इसका समर्थन किया और ‘इंकलाबी मज़दूर केन्द्र’ के लोगों को हड़ताल स्थल से खदेड़ दिया| ‘बिगुल मज़दूर दस्ता’ की शिवानी ने कहा कि मज़दूर आंदोलन को हराने में प्रमुख भूमिका इस प्रकार के तत्व़ निभाते हैं। आम तौर पर मज़दूर आंदोलन पूंजीपतियों के ताकतवर होने के कारण नहीं बल्कि तोड़-फोड़ करने वाले, अफवाहें फैलाने वाले और भितरघात करने वाले लोगों के कारण हारते हैं। ‘गरम रोला मज़दूर एकता समिति’ की नेतृत्व कारी समिति के सदस्य रघुराज ने कहा कि मज़दूरों ने स्वयं ही ऐसे तत्वों को बाहर करके अपनी उन्नत चेतना का परिचय दिया है। वज़ीरपुर के गरम रोला मज़दूरों ने तमाम चुनावी पार्टियों, उनकी ट्रेड यूनियनों और तोड़-फोड़ करने वालों को आन्दोलन से बाहर कर दिया है। यह एक बड़ी जीत है और अब मज़दूरों का यह संघर्ष अपनी जीत से पहले रुकने वाला नहीं है।
हड़ताल में शामिल मज़दूरों को संबोधित करते हुए गरम रोला मजदूर एकता समिति की कानूनी सलाहकार शिवानी ने कहा कि ‘कल डी.एल.सी. ऑफिस में सभी मालिको और गरम रोला मजदूर एकता समिति के प्रतिनिधियों की जो बैठक बुलाई थी उसमें फिर एक बार मालिक नही आये | इसके जबाब में डी.एल.सी ने सभी फैक्ट्री मालिको के खिलाफ जारी हड़ताल के दबाब में कुछ कड़े कदम उठाते हुए लेबर चालान और फैक्ट्री चालान काटे| ये सब मजदूरों द्वारा जारी हड़ताल के कारण ही संभव हुआ और मज़दूर तब तक हड़ताल जारी रखेंगे जब तक उनकी सभी कानूनी मांगे नही मानी जाती|’ हड़ताल में शामिल सभी मजदूरों ने भी पूरे जोश के साथ हड़ताल को जारी रखने का निश्चय किया।
‘गरम रोला मजदूर एकता समिति’ के सनी ने कहा की ‘कल से पार्क में ही सामूहिक रसोई संचालित की जायेगी इसके लिए जरूरी संसाधन जुटा लिए गये है और लोग इसके लिए बढ़-चढ़ कर मदद करने के लिए तैयार है| पिछले 15 दिन से हड़ताल चल रही है इसलिए कुछ मजदूर साथियों ने हड़ताल के दौरान सामूहिक रसोई चलाने का प्रस्ताव रखा था जिसको कल से लागू किया जाएगा|’ ‘गरम रोला मजदूर एकता समिति’ के सदस्य रघुराज ने हड़ताल में शामिल मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा की ‘हमारी लड़ाई अपने कानूनी अधिकारों के साथ-साथ हमारे मान और सम्मान की भी है क्योंकि सभी मालिक हमसे अपनी फैक्ट्री में बेगारी कराते है और लताड़ते है | कुछ दिन पहले जब एक मजदूर साथी की पत्नी की मृत्यु हो गयी थी तो उसके मालिक ने शव को घर ले जाने के लिए तनख्वाह का पैसा देने से मना कर दिया था| बाद में सभी मज़दूरों के सहयोग से वह अपनी पत्नी के शव को अपने घर ले गया | कुछ दिन पहले ही एक मजदूर की काम के दौरान तबियत ख़राब हो गयी लेकिन उसको कोई उपचार नही दिया गया जिससे उसकी मृत्यु हो गयी| अगर सही समय पर उसका इलाज़ कराया जाता तो उसकी जान बच जाती| हम लोगो को फैक्ट्री मालिक इंसान नही समझते है| इसलिए ये लडाई मानवीय गरिमा की भी है।’ गरम रोला मजदूर समिति के सदस्य बाबूराम ने कहा कि ‘मजदूर हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है| इस बार मजदूर पीछे नही हटेगें|’
सभा के अंत में ‘गरम रोला मज़दूर एकता समिति’ की नेतृत्वकारी समिति के सदस्य सनी ने कहा कि पूरे देश के जनपक्षधर बुद्धिजीवियों और नागरिकों के नाम गरम रोला मज़दूर एकता समिति ने सहयोग और राशन के योगदान के लिए अपील जारी की है। लेकिन साथ ही सनी ने बताया कि समिति किसी भी एनजीओ, फंडिंग एजेंसी आदि से या कोई भी संस्थातगत अनुदान नहीं लेगी और केवल व्यक्तियों और स्वतंत्र यूनियनों से सहयोग लेगी। सनी ने कहा कि बिगुल मज़दूर दस्ता की हरियाणा इकाई ने राशन का योगदान किया है और साथ ही देश भर से सहयोग की पेशकश अाने लगी है।
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन