ठेका मज़दूरों के बदतर हालात
आई.आई.टी कैथल जहाँ पर पाँच सफाईकर्मी और माली कर्मचारियों की आवश्यकता है वहाँ सिर्फ दो कर्मचारी ही कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों की कमी के कारण जो कर्मचारी वहाँ काम करते है उनपर काम का अधिक दबाव बन जाता है। जहाँ पांच आदमियों का काम अकेले दो व्यक्तियों को ही करना पड़ता है। एक तो उनको सिर्फ़ 5500 रूपए महीने के हिसाब से काम पर रखा गया है, ऊपर से ठेकेदार उन गरीब मजदूरों का धड़ल्ले से शोषण करता है और फिर उन्हें पूरा हक भी नहीं दिया जाता और काम भी अधिक लिया जाता है। ये पूरी धाँधली ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की पोल खोल रही है।












