‘आदिविद्रोही’ : आज़ादी और स्वाभिमान के संघर्ष की गौरव-गाथा
“यह किताब मेरी बेटी राशेल और मेरे बेटे जॉनथन के लिए है । यह बहादुर मर्दों और औरतों की कहानी है जो बहुत पहले रहा करते थे और जिनके नाम लोग कभी नहीं भूले । इस कहानी के नायक आज़ादी को, मनुष्य के स्वाभिमान को दुनिया की सब चीज़ों से ज़्यादा प्यार करते थे और उन्होंने अपनी ज़िन्दगी को अच्छी तरह जिया, जैसे कि उसे जीना चाहिए – हिम्मत के साथ, आन-बान के साथ। मैंने यह कहानी इसलिए लिखी कि मेरे बच्चे और दूसरों के बच्चे, जो भी इसे पढ़ें, हमारे अपने उद्विग्न भविष्य के लिए इससे ताक़त पायें और अन्याय और अत्याचार के ख़िलाफ़ लड़ें, ताकि स्पार्टकस का सपना हमारे समय में सच हो सके ।”