अदम्य बोल्शेविक – नताशा एक संक्षिप्त जीवनी (सातवीं किश्त)
समोइलोवा ने अक्टूबर क्रान्ति में अपनी तमाम क्रान्तिकारी सक्रियता को, क्रान्ति की जीत में सहभागी बनी, मजदूर स्त्रियों के इस सशक्त सर्जनात्मक उभार के साथ एकरूप कर दिया। आगे चलकर उन्होंने पार्टी के और प्रेस के क्षेत्र में सोवियतों के काम में सक्रिय भूमिका निभायी, पर साथ ही उन्होंने एक सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी रचनात्मक प्रतिभा का भी परिचय दिया और स्त्री मजदूरों तथा बाद में किसान स्त्रियों को कम्युनिस्ट पार्टी की कतारों तक, सोवियत सत्ता के लिए संघर्षरत योद्धाओं की कतारों तक, सोवियत सत्ता के निर्माताओं की कतारों तक लाने में अपनी मेहनत लगा दी। उन्होंने जनता के बीच आन्दोलन, संगठन और प्रचार के नये रूप लागू किये। ये सारे नये रूप सम्भवत: उनके सुझाये हुए नहीं थे, लेकिन वे हमेशा उन पर विस्तार से काम करतीं और लोगों के बीच उन्हें लागू करतीं। नतीजा हमेशा एक ही रहा, जनता संघर्ष और रचनात्मक क्रान्तिकारी काम के लिए जागृत, संगठित और उद्वेलित हो जाती।