मज़दूर वर्ग और समाजवाद को समर्पित एक सच्चा बुद्धिजीवी: जॉर्ज थॉमसन
एक सच्चे कम्युनिस्ट योद्धा की तरह जॉर्ज थॉमसन अपनी आख़िरी साँस तक वर्ग युद्ध के मोर्चे पर डटे रहे। एक सच्चा क्रान्तिकारी बुद्धिजीवी कैसा होना चाहिए, जॉर्ज थॉमसन इसकी मिसाल ताउम्र पेश करते रहे। वे सच्चे मायनों में जनता के आदमी थे। बौद्धिक प्रतिभा के इतने धनी होते हुए भी उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग मज़दूर वर्ग के क्रान्तिकारी संघर्षों को समर्पित कर दिया। उनके हर संघर्ष में उनकी पत्नी एक सच्चे जीवन साथी की तरह उनके साथ क़दम-से-क़दम मिलाकर चलती रहीं। 1987 में 84 वर्ष की उम्र में जॉर्ज थॉमसन ने दुनिया को अलविदा कहा। ऐसे सच्चे क्रान्तिकारी को हमारा क्रान्तिकारी सलाम!