गोरखपुर मजदूर गोलीकांड
‘मायाराज’ बना आतंकराज
दिनभर शहरभर में मजदूरों को खदेड़ती रही पुलिस
फर्जी आरोप में 12 मजदूर नेताओं को जेल भेजा
मजदूर नेताओं ने जेल में आमरण अनशन शुरू किया
नई दिल्ली, 21 मई। आज गोरखपुर की पुलिस और प्रशासन ने मालिकपरस्त अंधेरगर्दी की नई मिसाल कायम कर दी। लेकिन पुलिसिया दमन के बावजूद मजदूर अपना सत्याग्रह विभिन्न रूपों में जारी रखे रहे।
3 मई के गोलीकांड के दोषियों की गिरफ्तारी और अन्य मांगों को लेकर 16 मई से भूख हड़ताल पर बैठे मजदूर कल, 20 मई को, जिलाधिकारी कार्यालय ज्ञापन देने जा रहे थे तो पुलिस ने उन पर बर्बर लाठीचार्ज करके 73 मजदूरों को हिरासत में लिया था जिनमें से अधिकांश मजदूर देर रात छोड़ दिए गए थे लेकिन बीएचयू की छात्रा श्वेता, स्त्री मजदूर सुशीला देवी और अन्य 12 को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस कल दिन में ही मजदूर नेता तपीश मैंदोला को किसी अन्य स्थान से उठा ले गई थी और आज सुबह तक तपिश की गिरफ्तारी से इंकार करती रही। बाद में दोपहर को अचानक तपीश को अदालत में पेश कर दिया गया। सभी मजदूर नेताओं पर पुलिस ने धारा 309 के तहत आत्महत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया है। यह अपने आपमें हास्यास्पद है क्योंकि इनमें से अधिकांश तो अनशन पर बैठै ही नहीं थे। श्वेता तथा सुशीला देवी, जिनका स्वास्थ्य पांच दिन की भूख हड़ताल के बाद बिगड़ रहा था, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है। बाकी 12 मजदूरों को जेल भेज दिया गया है। मजदूर नेताओं ने जेल में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
दूसरी ओर, पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार सैकड़ों मजदूर आज भी जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने जगह-जगह लाठीचार्ज कर उन्हें एकत्र नहीं होने दिया। इसके बाद मजदूरों ने टाउनहॉल स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना देने की कोशिश की लेकिन वहां भी पुलिस ने मजदूरों को पहुंचने नहीं दिया। जिलाधिकारी कार्यालय घंटों तक पुलिस छावनी बना रहा और पुलिस के जवान आसपास के इलाके में ढूंढ़ कर मजदूरों को खदेड़ते रहे। कलेक्ट्रेट और टाउनहॉल के इर्द-गिर्द किसी भी स्थान पर चार-पांच मजदूर जैसे दिखने वाले व्यक्तियों को देखते ही पुलिस लाठियां लेकर तितर-बितर कर दे रही थी।
दिनभर चले दमन चक्र के बावजूद मजदूर सत्याग्रह जारी रखने पर दृढ़ हैं। शाम होते-होते सैकड़ों की संख्या में मजदूर वीएन डायर्स के तालाबंद कारखानों के गेट पर उसी स्थान पर फिर से जुट गए जहां जारी आमरण अनशन को पुलिस ने गिरफ्तारियों के द्वारा बंद करा दिया था। जेल में आमरण अनशन पर बैठे मजदूर नेताओं के समर्थन में बड़ी संख्या में विभिन्न कारखानों के मजदूर धरने पर बैठे हैं।
इस बीच वीएन डायर्स के मालिकान ने अपने अड़ियल रुख को और बढ़ाते हुए कारखाना गेट पर नोटिस लगा दिया है कि जो मजदूर कल से काम पर नहीं आएंगे उन्हें हटाकर नयी भर्ती की जाएगी।
संयुक्त मजदूर अधिकार संघर्ष मोर्चा ने इसकी तीखी निंदा करते हुए कहा है कि श्रम विभाग और जिला प्रशासन की शह पर ही वीएन डायर्स के मालिकान इस तरह की नंगी मनमानी कर रहे हैं।
दूसरी ओर, मजदूरों ने जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री मायावती को ज्ञापन भेजकर चेतावनी दी है कि अगर वे तत्काल हस्तक्षेप कर उन्हें न्याय नहीं दिलाएंगी तो श्रमिक अशांति और फैलेगी। ज्ञापन की प्रमुख मांगों में कल 20 मई को फर्जी आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी 14 मजदूर नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए और उन पर दायर सभी फर्जी मुकदमे वापस लेना,3 मई को हुए गोलीकांड के नामजद अभियुक्तों अशोक जालान, अंकुर जालान तथा प्रदीप सिंह (सहजनवां क्षेत्र के माफिया सरगना) को तुरंत गिरफ्तार करना और हत्या के प्रयास, आदि के मुकदमे चलाकर सख्त से सख्त कार्रवाई करना, 9 मई को मजदूरों के बर्बर दमन के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना, घटना की उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायाधीश से जांच कराना, गोलीकांड के घायलों को मुआवजा दिलाना, निलंबित मजदूरों को काम पर रखना और कारखानों की अवैध तालाबंदी खुलवाना शामिल हैं।
गोरखपुर मजदूर आंदोलन समर्थक नागरिक मोर्चा
कात्यायनी-09936650658, सत्यम-09910462009, संदीप-08447011935
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन