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(बिगुल के फरवरी 2004 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
देश में चल रही भूमण्डलीकरण की काली आंधी के बीच चुनावी मौसम में सरकार खुशनुमा बयार बहाने में जुटी
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
नयी दुनिया निठल्ले चिन्तन से नहीं, जन महासमर से बनेगी! – डब्ल्यूएसएफ का मुम्बई महातमाशा सम्पन्न
संघर्षरत जनता
एवन साइकिल के मजदूरों की हड़ताल – चुप्पी अब टूट रही है!
निजीकरण के खिलाफ उत्तरांचल के विद्युत कर्मियों–अधिकारियों के संयुक्त संघर्ष का ऐलान
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
भूमण्डलीकरण को ‘मानवीय’ बनाने में जुटे संसदीय वामपंथियों का असली अमानवीय चेहरा
महान शिक्षकों की कलम से
विकल्प का खाका
मेहनतकश साथियो! नौजवान दोस्तो! सोचो!
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
अथ सर्वोच्च न्यायालय पुन: उवाच – सम्पत्ति रक्षा के नाम पर हड़ताली मजदूरों की हत्या जायज
पंतनगर के मजदूर संघर्ष की राह पर – प्रशासन दमन पर आमादा
पुलिसिया दरिंदगी की एक और मिसाल बना सुल्तानपुर पट्टी
मध्य प्रदेश में प्रगतिशील पत्रिकाओं पर सरकारी डण्डा
भवानीपुर कांड : सीआईडी जांच में खाकी वर्दी वाले हत्यारे साफ बचे
स्वास्थ्य
साम्राज्यवाद का टट्टू भी बोला : स्वास्थ्य सेवाएं अमीरों की सेवा में
लेखमाला
पार्टी की बुनियादी समझदारी (पैंतीसवीं किस्त)
बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ
कारखाना इलाक़ों से
चिता पे जिनके पांव नहीं जलते… – नमक मजदूरों की दिल दहलाने वाली दास्तान / नवकाशदीप
कला-साहित्य
बकलमे–खुद : कहानी – नये साल की छुट्टी / मानस कुमार
कविता – एक दिवालिये की रिपोर्ट / समी अल कासिम, फ़लस्तीनी कवि , अनुवाद: रामकृष्ण पाण्डेय
मज़दूरों की कलम से
समाज बदल सकता है बशर्ते हम एकजुट हों / अश्वनी कुमार, रूद्रपुर
नोएडा की झुग्गी बस्ती की एक तस्वीर / रामकिशन, नोएडा
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन