हुक्मरानों की ‘‘फूट डालो और राज करो’’ की साजिश को पहचानो!
जनता में आपसी सदभावना और भाईचारा मजबूत करो! धार्मिक कट्टरपंथी ताकतों के घोर जनविरोधी चेहरे को पहचानो!
बिगुल मजदूर दस्‍ता व अन्‍य सहयोगी संगठनों द्वारा जारी पर्चा

प्यारे लोगो,

पंजाब की फिज़ा में साम्प्रदायिक दंगों की आग भड़काने की मंशा से पिछले दिनों श्री गुरू ग्रंथ साहिब के पन्ने फाडऩे की कई घटनाएँ सामने आई हैं। सिखों की भावनाओं को ठेस पहुँचाकर लोगों को आपस में लड़ाने की कोशिश करने वालों को हर हाल में सख्त से सख्त सज़ा मिलनी चाहिए। दोषियों की गिरफतारी और सजा के लिए सड़कों पर आए लोगों पर लाठी-गोली बरसाना पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार और पुलिस की बेहद घटिया हरकत की सख्त से सख्त निन्दा होनी चाहिए। इसके दोषियों को भी सजा होनी चाहिए। लेकिन सिख आबादी को उन कट्टरपंथियों से भी खबरदार रहना चाहिए जो सिखों को अन्य धार्मिक मान्यताओं वाली आबादी के खिलाफ़ भड़काना चाहते हैं। ये कट्टरपंथी ताकतें सिख भावनाओं को मोहरा बनाकर अपनी साम्प्रदायिक राजनीति की रोटियाँ सेंकना चाहती हैं। पंजाब की जनता ने पहले भी खालिस्तानी आतन्कवाद का संताप झेला है। पंजाब को फिर से उस काले-अंधेरे दौर में दाखिल होने से बचाना हम सभी धर्मनिरपेक्ष, मानवतावादी, जनवादी और इंसाफपसंद लोगों का बड़ा फर्ज है। हमें आपसी भाईचारा बनाए रखना होगा। हाकिमों की फूट डालो और राज करो की नीति को पहचानना होगा। साम्प्रदायिकतावादी ताकतों के लुटेरे, जनविरोधी, हुक्मरान परस्त चरित्र को समझते हुए इनके खिलाफ़ तमाम जनता का एकजुट संघर्ष छेडऩा होगा।

fareedkot-759पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में धर्म के नाम पर लोगों में फूँट डालने, आपस में लड़ाकर राजनीतिक रोटियाँ सेकने की साजिशें पूरे ज़ोरों पर हैं। हिन्दु धर्म की रक्षा के नाम पर दूसरे धर्मों के खिलाफ़ साम्प्रदायिकता सबसे खतरनाक रूप में सामने आई है। संघ परिवार के हाथों में इसकी बागडोर है। लेकिन अल्पसंख्यक धर्मों की साम्प्रदायिक कट्टरपंथी ताकतें भी जनता को बाँटने-लड़ाने की साजिशों में पीछे नहीं हैं। औवेसी जैसे मुस्लिम कट्टरपंथी नेता व अन्य इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतें मुस्लमानों को भड़काकर साम्प्रदायिकतावादी साजिशों में लगी हुई हैं। पंजाब में सिख कट्टरपंथी ताकतों की साजिशें भी हमारे सामने हैं।

देश में महँगाई, बेरोज़गारी, गरीबी, बदहाली और जनता पर सरकार का दमन-अत्याचार लगातार बढ़ता जा रहा है। दाल, सब्जियों की कीमतें आसमान चीर कर शनि गृह को छूने लगी हैं। जनता का सरकारों और इनके आकाओं पूँजीवादी धन्नासेठों के खिलाफ़ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसलिए जनता को आपस में बाँटने-लड़ाने की साजिशें रची जा रही हैं। पंजाब में भी साम्प्रदायिक तनाव के माहौल का फायदा हुक्मरानों को ही हो रहा है। वैसे तो कांग्रेस समेत अधिकतर पूँजीवादी चुनावी पार्टियाँ धार्मिक साम्प्रदायिकता की घिनौनी राजनीति करती रही हैं (और कर रही हैं) लेकिन इस मामले में भाजपा सबसे आगे है। हिन्दु लोगों की धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाकर, उनकी भावनाएँ भड़काकर, मुस्लमानों-ईसाइयों के खिलाफ़ हिन्दु जनता के दिलों में नफ़रत का ज़हर भर कर यह काम पूरे देश में बड़े स्तर पर हो रहा है। इन्हीं घटिया हथकण्डों को अपनाकर, जगह-जगह मुस्लमानों के कत्लेआम करवाकर, आपसी झगड़े करवा कर भाजपा (जो संघ परिवार का एक हिस्सा है, यानि आर.एस.एस. का संसदीय फ्रण्ट है) केन्द्र में सरकार बनाने में सफ़ल हुई है।

मोदी-भाजपा ने और सरकार में इसके सहयोगियों द्वारा जनता से विकास के सब वायदे हवा-हवाई निकले हैं। एक साल में अच्छे दिन लाने का वादा किया गया था लेकिन इसे चुनावी जुमला बताते हुए अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 25 वर्ष का समय माँग रहे हैं!! हिटलर और मुसोलेनी की भारतीय संतानों हिन्दुत्ववादी कट्टरपंथी फासीवादियों के पास अब जनता को विकास के नाम पर देने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए अब इनके पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा है- ”फूट डालो और राज करो!”।

Fascism crushedपिछले दिनों गौ हत्या की अफवाहें फैलाकर यू.पी. के दादरी में इखलाक को, हिमाचल के सिरमौर में नोमन को, जम्मू में ज़हिद को मार डाला गया है। जनता के अधिकारों के लिए, अंधविश्वास और साम्प्रदायिकता के खिलाफ़ सक्रिय प्रो. कलबुर्गी, का. पानसरे, डा. दाभोलकर की हिन्दू कट्टरपंथियों ने कायराना हत्या की है। बहुत सारे अन्य लेखक, कवि, पत्रकार, क्रान्तिकारी-जनवादी-तर्कवादी कार्यकर्ता और कलाकार इनके निशाने पर हैं। गुजरात और मुज्जफरनगर में निर्दोष मुस्लमानों का, ओडीसा में ईसाइयों का कत्लेआम… इनकी काली करतूतों की सूची बहुत लम्बी है।

हिन्दु धर्म को खतरा, गाय को खतरा, हिन्दु राष्ट्र को खतरा, तथाकथित ”लव जेहाद” से हिन्दु लड़कियों को खतरा, हिन्दु सभ्यता को खतरा – इन सारे खतरों के हौवे इस लिए खड़े किए जा रहे हैं क्यों कि हुक्मरानों को जनता से खतरा है! जनता के खून-पसीने की कमाई लूट कर ऐशो-आराम, आयाशी, सुख-सहूलतों की सारी हदें पार करने वाले मुटठीभर धनकुबेरों को महँगाई, बेरोज़गारी, गरीबी, बदहाली से त्रस्त देश के 85 प्रतिशत लोगों से खतरा है! हुक्मरानों को जनता के लिखने, बोलने, विचार व्यक्त करने, हक-सच-इंसाफ के लिए संगठित होने, संघर्ष करने के जनवादी अधिकारों से खतरा है! हुक्मरानों को देशी-विदेशी पूँजीपतियों के पक्ष में लागू की जा रही निजीकरण-उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ़ बढ़ रहे जनाक्रोश से खतरा है!

प्यारे लोगो, गुजरात कत्लेआम (सन् 2002) में आम हिन्दु जनता ने मुस्लमानों को बचाने के लिए अपनी जिन्दगियाँ दाँव पर लगाई थीं। दिल्ली में सिख कत्लेआम (सन् 1984) के दौरान सिखों को बचाने के लिए हिन्दुओं ने जी-जान लगाया था। जहाँ कहीं भी हिन्दुओं को साम्प्रदायिकता का शिकार बनाया गया (जैसे कि पंजाब में खालिस्तानी आतन्कवाद के दौर में) तो मुस्लमान, सिख, ईसाई जनता ने जी-तोड़ कोशिशें की थीं। जनता की महान परम्पराओं को हमें वर्तमान काले दौर में भी आगे बढ़ाना है। हमें सभी धर्मों के लोगों के बीच आपसी सदभावना और भाईचारा मज़बूत करने के लिए पूरा ज़ोर लगाना होगा। साम्प्रदायिकतावादी ताकतों की, फासीवादी हुक्मरानों की हर साजिश को नाकाम करने के लिए हमें सभी धर्मों के लोगों की, सभी इंसाफपसंद, जनवादी, क्रान्तिकारी लोगों की फौलादी एकता कायम करनी होगी। आओ, कंधे से कंधा मिला कर इसके लिए ज़ोरदार कोशिशें करें।

विभिन्न धर्मनिरपेक्ष और जनवादी संगठनों द्वारा गठित ‘साम्प्रदायिकता विरोधी संयुक्त मोर्चे, जिला लुधियाना’ द्वारा  साम्प्रदायिक फासीवाद के खिलाफ डी.सी. कार्यालय, लुधियाना पर 4 नवम्बर 2015 को सुबह 10 बजे प्रदर्शन किया जा रहा है। सभी से अपील है कि बड़ी से बड़ी संख्या में शामिल हों।

अपीलकर्ता,

बिगुल मजदूर दस्ता

नौजवान भारत सभा

टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन, पंजाब

कारखाना मजदूर यूनियन,पंजाब

सम्पर्क पता- मकादूर पुस्तकालय, म.नं.-4135, ई.डब्ल्यू.एस. कालोनी,

सामने दयाल पब्लिक स्कूल, ताजपुर रोड, लुधियाना फोन नं. – 9646150249, 9646606366


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments