(बिगुल के जून-जुलाई 2000 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

Thumbnail-Bigul-2000-06-07

 

संपादकीय

आपातकाल के पच्‍चीस वर्ष बाद अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति : संशोधित टाडा बिल के बहाने जीने के अधिकार पर एक और हमला

बहस

भारत में क्रान्तिकारी आन्‍दोलन की समस्‍याएं : एक बहस (पांचवी किश्‍त) – एकता के सवाल पर सही रूख अपनाने की जरूरत / मऊ में गांव के गरीबों के बीच कार्यरत कुछ कार्यकर्ता

बीमा का निजीकरण और ट्रेड यूनियन की भूमिका : एक बहस – यूनियनें मज़दूरों की मानसिक तौर पर पराजय बोध बढ़ा रही हैं / एस.एस.वर्मा

महान शिक्षकों की कलम से

क्रान्तिकारी सि‍द्धांत के बिना क्रान्तिकारी आन्‍दोलन असंभव / लेनिन

समाज

किसान अब गुर्दा बेचने को मज़बूर / नमिता

आत्‍महत्‍या की जगह इस हत्‍यारी व्‍यवस्‍था को खत्‍म करो / कविता

स्‍वास्‍थ्‍य

चिकित्‍सा के भी बाजारीकरण ने साबित कर दिया है कि राज कर रहे कफनखसोट मुर्दाखोर / मुकुल श्रीवास्‍तव

मुनाफे की हवस ने एक गांव को मरघट बना डाला / मुकुल शर्मा

लेखमाला

चीन की नवजनवादी क्रान्ति के अर्द्धशतीवर्ष के अवसर पर – जनमुक्ति की अमर गाथा : चीनी क्रान्ति की सचित्र कथा (भाग पांच)

कारखाना इलाक़ों से

गोरखपुर यांत्रिक रेल कारखाना में 524 पदों को समाप्‍त किये जाने के प्रस्‍ताव के खिलाफ आक्रोश

मुनाफाखोरों की नजर में एक मज़दूर की जिन्‍दगी कीड़ों- मकोड़ों से अधिक कुछ भी नहीं

देहाती असंगठित मज़दूरों की बढ़ती तबाही / हरिहर

शाहदरा के केबिल उद्योग में मज़दूरों की दयनीय स्थिति

मालिकों के आतंकराज से मज़दूरों में आक्रोश

कला-साहित्य

सरकारी खर्चे में किफायत / प्रेमचन्‍द

केदारनाथ अग्रवाल की तीन छोटी कविताएं

आपस की बात

बिगुल को नियमित करें तथा खतों के जवाब भी छापें / सुखदेव, लुधियाना

शोषण के खिलाफ बिगुल आवश्‍यक / विजय लक्ष्‍मी, मथुरा

क्रान्तिकारी लक्ष्‍य वाले बिगुल के लिए बधाई / हरनारायण शर्मा, झांसी

मज़दूरों की कलम से

यूनियनों को नयी क्रान्तिकारी धार दी जाये / यूनिवर्सल ग्‍लास लि. के मज़दूर, साहिबाबाद


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments