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(बिगुल के जनवरी-फरवरी 2000 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
नया वर्ष संघर्षों का, नई सदी मेहनतकश की
विशेष लेख / रिपोर्ट
‘कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र’ के प्रकाशन की 152वीं वर्षगांठ पर विशेष – आधुनिक समाज का क्रान्तिकारी वर्ग-सर्वहारा
संघर्षरत जनता
नये वर्ष की शुरूआत व्यापक हड़तालों के साथ – मेहनतकशों की हड़तालों-आन्दोलनों का सिलसिला थमने वाला नहीं है / मुकुल श्रीवास्तव
बहस
भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन की समस्याएं : एक बहस (तीसरी किश्त) – संशोधनवादी और अन्य कुछ मध्यमवर्गीय पार्टियों की कार्यक्रम-सम्बन्धी सोच / अनादि चरण
विरासत
कम्युनिस्ट पार्टी के घोषणापत्र का एक अंश
समाज
पूँजीवाद के “स्वर्ग” में देह-व्यापार का नर्क / नारी सभा
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
असली उग्रवादी तो इस देश की पुलिस है
पर्यावरण / विज्ञान
पर्यावरण की चिन्ता या इजारेदारी की सोची-समझी साजिश
लेखमाला
चीन की नवजनवादी क्रान्ति के अर्द्धशतीवर्ष के अवसर पर – जनमुक्ति की अमर गाथा : चीनी क्रान्ति की सचित्र कथा (भाग दो)
कला-साहित्य
कविता – फिर लोहे के गीत हमें गाने होंगे / शशिप्रकाश
कहानी – एक पतझड़ / मक्सिम गोर्की
जोसेफ स्तालिन की एक दुर्लभ कविता
आपस की बात
साथी आर्य कुतर्क कर रहे हैं / बब्बन सिंह, धनबाद
मज़दूरों की कलम से
जितना जल्दी हो इस अमानवीय व्यवस्था को बदल दो / विजय कुमार, रूद्रपुर
हमें व्यापक मजदूर एकता कायम करनी होगी / ए.एस.पी. एम्पलाइज यूनियन के कुछ मजदूर साथी, गजरौला
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन