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(मज़दूर बिगुल के मई 2015 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
श्रम सुधारों के नाम पर मोदी सरकार का मज़दूरों पर हमला तेज़
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
मोदी सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश और मुआवज़े का अर्थशास्त्र
बुर्जुआ मीडिया / संस्कृति
संघर्षरत जनता
ऑर्बिट बस काण्ड और बसों में बढ़ती गुण्डागर्दी के विरोध में पूरे पंजाब में विरोध प्रदर्शन
हेडगेवार अस्पताल के ठेका सफ़ाई कर्मचारियों के संघर्ष के आगे झुके अस्पताल प्रशासन और दिल्ली सरकार
अमेरिका के फ़ास्ट फ़ूड कामगारों का संघर्ष / श्वेता
आन्दोलन : समीक्षा-समाहार
उथल-पथल से गुज़रता दक्षिण अफ्रीका का मज़दूर आन्दोलन / तपीश
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
महान शिक्षकों की कलम से
विरासत
मई दिवस के महान शहीद आगस्ट स्पाइस के दो उद्धरण
समाज
मोगा ऑर्बिट बस काण्ड: राजनीतिक सरपरस्ती तले पल-बढ़ रही गुण्डागर्दी का नतीजा / लखविन्दर
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
जम्मू में रहबरे-तालीम शिक्षकों पर बर्बर लाठीचार्ज!
माछिल फ़र्ज़ी मुठभेड़़ – भारतीय शासक वर्ग का चेहरा फिर बेनकाब हुआ!
हाशिमपुरा से तेलंगाना और चित्तूर तक भारतीय पूँजीवादी जनवाद के ख़ूनी जबड़ों की दास्तान
आपदाएं
भूकम्प से मची तबाही से पूँजीवाद पल्ला नहीं झाड़ सकता / अखिल कुमार
औद्योगिक दुर्घटनाएं
अखिलेश यादव के फ़र्ज़ी समाजवाद में मज़दूरों की बुरी हालत / सत्येन्द्र
गतिविधि रिपोर्ट
कला-साहित्य
कविता – वे घबरा चुके हैं / सतीश छिम्पा
जनता के एक सच्चे लेखक एदुआर्दो गालिआनो की स्मृति में उनके लेखन के दो छोटे अंश
निकारागुआ के महाकवि एर्नेस्तो कार्देनाल की कविता – सेलफोन
मज़दूरों की कलम से
हमारी ताक़त हमारी एकजुटता में ही है! / जग्गीलाल, वेल्डर मिस्त्री, हरियाणा
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन