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बिगुल के मई 1996 अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्न्तराष्ट्रीय मज़दूर दिवस का संदेश – चुनाव और सुधार के भ्रमजालों से बाहर आओ, नई समाजवादी क्रान्ति की ज्वाला भड़काओ
महान शिक्षकों की कलम से
मेहनतकश वर्ग के चेतना की दुनिया में प्रवेश करने का जश्न / लेनिन
मई दिवस अमर रहे / स्तालिन
विरासत
मई दिवस के अवसर पर – लूसी पार्सन्स का बयान और अल्बर्ट पार्सन्स का अपने बच्चों के नाम पत्र
आपदाएं
डोमिनगढ़ ट्रेन दुर्घटना की असलियत
हत्यारी यह व्यवस्था और रेल-प्रशासन है, ड्राइवर तो महज बलि का बकरा है / एक ट्रेन ड्राइवर
इतिहास
भारत में मई दिवस और मज़दूर संघर्षों की परम्परा
मई 1886 का वह रक्तरंजित दिन जब मज़दूरों के बहते ख़ून से जन्मा लाल झण्डा
कला-साहित्य
जश्न बपा है कुटियाओं में ऊंचे ऐवां कांप रहे हैं / साहिर लुधियानवी
आपस की बात
‘बिगुल’ के पहले अंक के बारे में कुछ साथियों की राय
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन