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(मज़दूर बिगुल के जनवरी 2015 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
पूँजीवादी नंगी लूट के विरोध को बाँटने-तोड़ने के लिए साम्प्रदायिक खेल शुरू!
विशेष लेख / रिपोर्ट
संघर्षरत जनता
दिल्ली मेट्रो रेल के टॉम ऑपरेटरों की 5 घण्टे की चेतावनी हड़ताल
आन्दोलन : समीक्षा-समाहार
क्यों असफ़ल हुआ अस्ति मज़दूरों का साहसिक संघर्ष? / ऑटो मज़दूर संघर्ष समिति
कोयला ख़ान मज़दूरों के साथ केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की घृणित ग़द्दारी / शिवानी
विरासत
रूस की स्त्रियां – महाकवि निराला की जन्मतिथि (24 जनवरी) के अवसर पर उनका लेख
विकल्प का खाका
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
पुलिसकर्मियों में व्याप्त घनघोर स्त्री-विरोधी विचार / श्वेता
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
अमेरिकी सत्ताधारियों के पापों का बोझ ढोते सैनिक / रौशन
स्वास्थ्य
मुनाफ़े की व्यवस्था में बेअसर हो रही जीवनरक्षक दवाएँ / डॉ. अमृत
पर्यावरण / विज्ञान
औद्योगिक कचरे से दोआबा क्षेत्र का भूजल और नदियाँ हुईं ज़हरीली / आनन्द सिंह, तपीश
स्त्री मज़दूर
प्रवासी स्त्री मज़दूर: घरों की चारदीवारी में क़ैद आधुनिक ग़ुलाम / लता
इतिहास
स्तालिन कालीन सोवियत संघ के इतिहास के कुछ तथ्य और नये खुलासों पर एक नज़र / राजकुमार
कारखाना इलाक़ों से
मज़दूर बस्तियों से
वज़ीरपुर में रेलवे ने करीब 40 झुग्गियों पर बुल्डोज़र चढ़ाया
गतिविधि रिपोर्ट
निर्माण मज़दूर यूनियन (नरवाना, हरियाणा) द्वारा निःशुल्क मेडिकल कैम्पों का आयोजन
दिल्ली इस्पात उद्योग मज़दूर यूनियन हुई पंजीकृत
मज़दूरों की कलम से
कविता : मानवीय श्रम / आनन्द, गुड़गांव
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन